पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा कि पत्नी द्वारा पति के रिश्तेदारों के खिलाफ यौन उत्पीड़न का झूठा आरोप क्रूरता के बराबर है. कोर्ट ने यह भी कहा कि यह तलाक का आधार भी हो सकता है. जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस हर्ष बंगर की खंडपीठ ने कहा, "परिवार के सभी पुरुष सदस्यों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाना और यह तथ्य कि जांच के दौरान उन्हें निर्दोष पाया गया, स्पष्ट रूप से क्रूरता के बराबर है." उच्च न्यायालय ने पत्नी द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसने फैमिली कोर्ट द्वारा पारित तलाक के फैसले को चुनौती दी थी, जिसके तहत पति द्वारा क्रूरता के आधार पर हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 के तहत दायर तलाक की याचिका को अनुमति दी गई थी.

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