'Biryani' in Lunch Box in UP Case: नॉन-वेज खाना लाने के कारण अमरोहा के प्राइवेट स्कूल से निकाले गए कक्षा 3 के छात्र की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की मदद

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की पीठ ने अमरोहा के जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करें कि तीन बच्चों (नाबालिग लड़के और उसके भाई-बहन) को दो सप्ताह के भीतर किसी अन्य सीबीएसई-संबद्ध स्कूल में दाखिला दिलाया जाए और एक हलफनामा दायर किया जाए...

मंगलवार, 17 दिसंबर को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय एक सात वर्षीय मुस्लिम लड़के के बचाव में आया, जिसे उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक प्राइवेट स्कूल से निकाल दिया गया था, क्योंकि वह अपने टिफिन बॉक्स में मांसाहारी भोजन लाने का आरोप लगा था. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की पीठ ने अमरोहा के जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करें कि तीन बच्चों (नाबालिग लड़के और उसके भाई-बहन) को दो सप्ताह के भीतर किसी अन्य सीबीएसई-संबद्ध स्कूल में दाखिला दिलाया जाए और एक हलफनामा दायर किया जाए. अदालत ने यह भी कहा कि इसका पालन न करने पर डीएम को 6 जनवरी को अगली सुनवाई में उपस्थित होना होगा. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कक्षा 3 के छात्र को उसके दो भाई-बहनों के साथ सितंबर 2024 में घटना के बाद स्कूल के प्रिंसिपल ने निष्कासित कर दिया था. पता चला है कि छात्र अपने लंच बॉक्स में बिरयानी लाया था. यह भी पढ़ें; Video: यूपी के अमरोहा में स्कूल में 'नॉन-वेज' खाना लाने पर मुस्लिम छात्र सस्पेंड, मां और प्रिंसिपल के झगड़े का क्लिप वायरल

नॉन-वेज खाना लाने के कारण अमरोहा के प्राइवेट स्कूल से निकाले गए कक्षा 3 के छात्र की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की मदद:

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