Ram Mandir Inauguration: 96 वर्षीय रामभक्त, कारसेवक शालिनी दबीर को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्योता मिला है. 1990 में शालिनी रामकृष्ण दबीर कार सेवा के लिए अयोध्या पहुंची थी. शालिनी ने बाबरी ढांचा गिरने, गोलियां -लाठी चलने से लेकर यूपी सरकार के क्रूरता की कहानी बताई.

आंदोलन के दौरान जेल भर जाने से उन्हें स्कूल में कैद कर लिया गया था, यहां से कुछ कैदी भाग निकले में जिनमें शालिनी भी शामिल थी. फिर पैदल 60 किलोमीटर चलकर वह अयोध्या पहुंची और भगवा लहराने की साक्षी बनी. शालिनी दबीर 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या पहुंचकर बाबरी ढांचे पर भगवा फहराने की मुख्य गवाह हैं. शालिनी ने आंदोलन के दौरान, उनके पास से गोली छूकर निकली थी. शालिनी ने कहा, तब उनकी उम्र 63 वर्ष की थी.

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