उत्तर प्रदेश: ग्राम प्रधान ने की मृत्यु प्रमाण पत्र में मृतक के उज्जवल भविष्य की कामना, डेथ सर्टिफिकेट हुआ वायरल
इन दिनों एक ऐसा डेथ सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है, जिसमें मृतक के उज्जवल भविष्य की कामना की गई है. दरअसल, उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले स्थित असोहा विकासखंड में सिरवइया ग्राम प्रधान ने एक व्यक्ति की मौत पर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया और उसमें मृतक के उज्जवल भविष्य की कामना भी कर डाली.
उन्नाव: किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके परिवार वालों को व्यक्ति के मृत्यु का प्रमाण पत्र यानी डेथ सर्टिफिकेट (Death Certificate) दिया जाता है, लेकिन क्या कभी उसमें मृतक के उज्जवल भविष्य (Bright Future) की कामना लिखी जाती है. अब आप कहेंगे कि मरने के बाद भला मृतक के उज्जवल भविष्य की कामना कोई कैसे कर सकता है? अगर आप भी यही सोच रहे हैं तो हम बता दें कि कुछ भी नामुमकिन नहीं है, क्योंकि इन दिनों एक ऐसा डेथ सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है, जिसमें मृतक के उज्जवल भविष्य की कामना की गई है. दरअसल, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उन्नाव जिले (Unnao District) स्थित असोहा विकासखंड में सिरवइया ग्राम प्रधान ने एक व्यक्ति की मौत पर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया और उसमें मृतक के उज्जवल भविष्य की कामना भी कर डाली, बस फिर क्या था यह मृत्यु प्रमाण पत्र देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
रिपोर्ट्स के अनुसार, सिरवइया ग्राम पंचायत निवासी लक्ष्मीशंकर की बीते 22 जनवरी को बीमारी के कारण मौत हो गई थी. शख्स की मौत के बाद उसके बेटे सुंदर ने ग्राम प्रधान बाबूलाल से मृत्यु प्रमाण पत्र की मांग की, जिसके बाद पहली बार ग्राम प्रधान बने बाबूलाल ने ग्राम पंचायत के लेटर पैड पर मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया और मृत्यु प्रमाण पत्र की आखिरी लाइन में लिख दिया कि वो मृतक के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं. यह भी पढ़ें: बिहार: ये हैं नवादा के रियल लाइफ सिंघम, ट्रैफिक जाम की समस्या पर एसपी साहब के जवाब देने का फिल्मी अंदाज हुआ वायरल, देखें वीडियो
जब बेटे सुंदर को पिता की मौत का प्रमाण पत्र मिला तो आखिरी लाइन को पढ़ते ही वो अचरज में पड़ गया और कुछ ही देर बाद डेथ सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. हालांकि बाद में सफाई देते हुए ग्राम प्रधान ने कहा कि प्रमाण पत्र में जो कुछ लिखा गया है वो गलती से हुआ है. उनका कहना है कि मृत्यु की पुष्टि दूसरे व्यक्ति ने लिखी थी और उन्होंने सिर्फ उस पर हस्ताक्षर करके मोहर लगाई थी.