Unique Ice Hotel: दुनिया के इस देश में है बर्फ से बना अनोखा आइस होटल, सर्दियां बीतने पर पिघल कर बन जाता है पानी
अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो जाहिर सी बात है कि आप कई होटलों में ठहरे होंगे, लेकिन क्या कभी आपने बर्फ के होटल में रुकने का अनुभव लिया है. बर्फ से बना यह अनोखा आइस होटल स्वीडन में मौजूद है और इसकी खासियत यह है कि यह हर साल सर्दियों में बनकर तैयार होता है और सर्दियों के बाद पिघलकर पानी बन जाता है और नदी में समा जाता है.
Unique Ice Hotel: सर्दियों का मौसम (Winter Season) अधिकांश लोगों को बहुत भाता है, इसलिए लोग सर्द मौसम का आनंद लेने के लिए ऐसे डेस्टिनेशन पर जाना पसंद करते हैं, जहां बर्फबारी होती है. उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है और पर्यटक (Tourists) इस मौसम का लुत्फ उठाने के लिए अपने फेवरेट डेस्टिनेशन का रुख कर रहे हैं. किसी पर्यटन स्थल पर जाने के बाद लोग आलिशान होटल (Hotel) में ठहरना पसंद करते हैं. अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो जाहिर सी बात है कि आप कई होटलों में ठहरे होंगे, लेकिन क्या कभी आपने बर्फ के होटल में रुकने का अनुभव लिया है. बर्फ का होटल? जी हां, सुनने में आपको भले ही अजीब लगे, लेकिन यह सच है, दुनिया का एक ऐसा देश भी है जहां बर्फ का अनोखा होटल (Unique Ice Hotel) बना है और यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
बर्फ से बना यह अनोखा आइस होटल स्वीडन (Ice Hotel In Sweden) में मौजूद है और इसकी खासियत यह है कि यह हर साल सर्दियों में बनकर तैयार होता है और सर्दियों के बाद पिघलकर पानी बन जाता है और नदी में समा जाता है. स्वीडन के इस होटल को आइस होटल के नाम से जाना जाता है. हर साल सर्दियों में बनने वाला यह होटल पांच महीने बाद पिघल कर नदी में मिल जाता है.
इस यूनिक होटल को बनाने की परंपरा साल 1989 से चली आ रही है और इस साल भी इस अनोखे होटल को बनाया गया है, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर कोविड-19 गाइडलाइन्स का भी खास तौर पर पालन किया जा रहा है.
इस अनोखे होटल को टॉर्न नदी के तट पर बनाया गया है और इसके निर्माण में करीब ढाई हजार टन बर्फ का इस्तेमाल किया गया है. बता दें कि हर साल अक्टूबर महीने में इसका निर्माण कार्य शुरु होता है और दुनिया भर के कलाकार इस होटल को बनाने के लिए आते हैं.
इस होटल के अंदर और बाहर का नजारा इतना खूबसूरत होता है कि पर्यटक यहां खींचे चले आते हैं, ताकि इस खूबसूरत होटल में वो अपने फुर्सत के लम्हों को यादगार बना सकें.
इस होटल में आने वाले पर्यटकों के ठहरने के लिए कई कमरों का निर्माण किया जाता है. हालांकि इस होटल में रहना किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि कमरों के भीतर का तापमान करीब माइनस 5 डिग्री सेल्सियस तक रहता है.
बहरहाल, बताया जाता है कि अक्टूबर में निर्माण कार्य शुरु होने के बाद इस होटल में पर्यटकों की आवाजाही का सिलसिला अप्रैल महीने तक चलता है. इसके बाद यहां की बर्फ पिघलने लगती है. यहां हर साल करीब 50 हजार पर्यटक आते हैं और इस होटल में एक रात रुकने के लिए पर्यटकों को 17 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं.