World's Fastest Rollercoaster: कई सवारों की हड्डियां तोड़ने के बाद दुनिया का सबसे तेज रोलरकोस्टर हुआ बंद
कई सवारों की हड्डियों के टूटने के बाद दुनिया के सबसे तेज रोलरकोस्टर को बंद करने का फैसला किया गया. डो-डोडोनपा जापान के फूजी क्यू हाइलैंड में फूजीयोशिदा, यामानाशी में स्थित है. इसे S&S - Sansei Technologies द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था. 21 दिसंबर 2001 से यह दुनिया के सबसे तेज रोलरकोस्टर के तौर पर मशहूर हुआ.
World's Fastest Rollercoaster: दुनिया का सबसे तेज रोलरकोस्टर, जो सिर्फ 1.8 सेकेंड में 172 किमी प्रति घंटा (106.9 मील प्रति घंटे) की तेज रफ्तार के लिए जाना जाता है, उसे फिलहाल बंद कर दिया गया है. दरअसल, कई सवारों की हड्डियों के टूटने के बाद इसे बंद करने का फैसला किया गया. डो-डोडोनपा (Do-Dodonpa) जापान (Japan) के फूजी क्यू हाइलैंड (Fuji-Q Highland) में फूजीयोशिदा (Fujiyoshida), यामानाशी (Yamanashi) में स्थित है. इसे S&S - Sansei Technologies द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था. 21 दिसंबर 2001 से यह दुनिया के सबसे तेज रोलरकोस्टर के तौर पर मशहूर हुआ. डो-डोडोनपा से पहले सबसे तेज गति का रिकॉर्ड सुपरमैन: द एस्केप एंड टॉवर ऑफ द टेरर के पास था.
रोमांच के शौकीन सवारी का अनुभव करने के लिए थीम पार्क का दौरा कर रहे हैं, जिसे कई लोगों ने सबसे डरावना कहा है, लेकिन अब लोग दुनिया के सबसे तेज रोलरकोस्टर में सवार होने का अनुभव नहीं ले पाएंगे. कम से कम कुछ समय के लिए तो नहीं. दरअसल, कई सवारों की हड्डियों के टूटने की रिपोर्ट्स सामने आने के बाद डो-डोडोनपा को अगली सूचना तक जनता के लिए बंद कर दिया गया है.
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वाइस की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2020 से कम से कम छह सवारों की हड्डियों में फ्रैक्चर हुआ है. रिपोर्ट प्रशंसकों और निर्माताओं के लिए किसी झटके से कम नहीं है, क्योंकि डो-डोडोनपा से पिछले 20 साल में सिर्फ एक सवार के चोटिल होने की सूचना मिली थी. दिसंबर 2020 से पहले ऐसी सिर्फ एक ही घटना सामने आई थी. 15 मई 2007 को एक 37 वर्षीय व्यक्ति के दाहिने घुटने में चोट लगी थी. यह भी पढ़ें: COVID Vaccination Tattoo: इटली के छात्र ने कोविड सर्टिफिकेट को साथ ले जाने का निकाला नायाब तरीका, अपने हाथ पर बनवाया बारकोड का टैटू
हालांकि हाल के मामले कहीं अधिक गंभीर हैं और इन घटनाओं ने रोलरकोस्टर और थीम पार्क के विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शुरुआती जांच के दौरान सफर में कोई तकनीकी दिक्कत नहीं मिली. अब Sansei Technologies ने सभी घायल सवारों के लिए एक माफी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि चोटों के कारण अज्ञात हैं.