केरल के 63 वर्षीय बीड़ी वर्कर ने अपने जीवन भर की कमाई COVID राहत कोष में की दान, अपने लिए रखे सिर्फ 850 रु
ऐसे समय में जब केरल सरकार और केंद्र दोनों एक दूसरे पर ब्लेम गेम खेल रहे हैं कि COVID-19 टीकाकरण के लिए किसे पैसा खर्च करना चाहिए. वहीं केरलवासी में एकजुटता दिखाई दे रही है. एक 63 वर्षीय बीड़ी वर्कर ने असहाय लोगों को मुफ्त में टीकाकरण के लिए अपने जीवन भर की कमाई मुख्यमंत्री डिस्ट्रेस रिलीफ फंड (CMDRF) को दान कर दी है.
कन्नूर: ऐसे समय में जब केरल सरकार और केंद्र दोनों एक दूसरे पर ब्लेम गेम खेल रहे हैं कि COVID-19 टीकाकरण के लिए किसे पैसा खर्च करना चाहिए. वहीं केरलवासी में एकजुटता दिखाई दे रही है. एक 63 वर्षीय बीड़ी वर्कर ने असहाय लोगों को मुफ्त में टीकाकरण के लिए अपने जीवन भर की कमाई मुख्यमंत्री डिस्ट्रेस रिलीफ फंड (CMDRF) को दान कर दी है. कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए देश में 1 मई से 18 साल से ऊपर वाले सभी लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी. केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद से केरल में सभी को मुफ्त वैक्सीन के लिए राज्य सरकार ने फंडा इकट्ठा करने का अभियान शुरू किया है. इसके बाद से आम लोग भी मदद के लिए आगे आ रहे हैं. लोग एक जूट होकर इस महामारी से निपटने के लिए पैसे दान कर रहे हैं. लोगों की एकजुटता के कारण कुछ ही दिनी में करोड़ों रुपये जमा हो गए हैं. यह भी पढ़ें: Bihar: मिलिए पटना में 'ऑक्सीजन मैन' के नाम से मशहूर गौरव राय से, कोरोना काल में अब तक 900 से ज्यादा मरीजों को पहुंचा चुके हैं सिलेंडर
कन्नूर के एक बीड़ी वर्कर जनार्दन ने अपने जीवन भर की कमाई सीएमडीआरएफ को दान कर दी ताकि अन्य लोगों को मुफ्त टीके मिल सकें. एएनआई से बात करते हुए 63 वर्षीय जनार्दन ने कहा, “यह COVID-19 महामारी हर जगह फैल रही है और लोगों की जान ले रही है. दूसरों को टीका लगवाने की आवश्यकता हो, तो मुझे अपने पैसे पर क्यों बैठना चाहिए? मैंने सुना कि सरकार टीकाकरण के लिए शुल्क लेने जा रही है. इसलिए मैंने योगदान करने का फैसला किया ताकि जिनके पास पैसा नहीं है उन्हें मुफ्त टीके मिलें. जनार्दन के बच्चे - नवाना और नवीन - जो बीटेक स्नातक हैं, को सोशल मीडिया के माध्यम से अपने पिता के प्रयास के बारे में पता चला. इस अच्छे और जिम्मेदार नागरिक के इस दान के बारे में कन्नूर जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों के माध्यम से पता चला, जहां वे पैसे निकालने गए थे.
उनके इस दान को मुख्यमंत्री विजयन ने भी नोटिस किया, उन्होंने ट्वीट किया, “सीएमडीआरएफ को दान देने के बारे में कई इमोशनल कहानियां सामने आ रही हैं, जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति भी शामिल है, जिसने अपने बचत बैंक खाते से 2 लाख दान किया था. जिनके पास अब सिर्फ 850 रु ही बचे हैं. यह एक दूसरे के लिए प्यार है. एक बार फिर, आप में से हर एक को धन्यवाद!" यह भी पढ़ें: ‘Oxygen Man’! नागपुर के शख्स ने कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन के लिए दिए ज़कात के रूप में दिए 85 लाख रुपये
देखें ट्वीट:
बैंक अधिकारी ने कहा, 'जब उन्होंने अकाउंट से 2 लाख रुपये निकाल लिए और सिर्फ 850 रुपये ही बचे थे. तो हमने उनसे बार-बार पूछा कि क्या वह वास्तव में इसे सीएमडीआरएफ में ट्रांसफर करना चाहते हैं. उसने हमें बताया कि वह एक बीड़ी वर्कर है और यह उसके जीवन भर की बचत है. लेकिन वह अड़े रहे और इसलिए हमने पैसे ट्रांसफर कर दिए.
बैंक के कर्मचारियों ने भी उसे अपनी सारी बचत राशि ट्रांसफर न करने के हतोत्साहित करने का प्रयास किया और उन्हें सिर्फ 1 लाख दान करने का सुझाव दिया. बैंक अधिकारी ने कहा, "लेकिन वह पैसे ट्रांसफर करने के लिए अड़े थे ताकि जो लोग टीकाकरण का खर्च नहीं उठा सकते, उन्हें फायदा हो सके."