Fact Check: RBI द्वारा जारी किया जा रहा है ₹5,000 का नया नोट? जानें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फर्जी तस्वीर की असली सच्चाई
इन दिनों सोशल मीडिया पर यह अफवाह तेजी से फैल रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही 5,000 रुपये का नोट जारी करने जा रहा है. इस खबर ने लोगों में उत्सुकता और चिंता का माहौल बना दिया है.

5,000 Rupee Note: इन दिनों सोशल मीडिया पर यह अफवाह तेजी से फैल रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही 5,000 रुपये का नोट जारी करने जा रहा है. इस खबर ने लोगों में उत्सुकता और चिंता का माहौल बना दिया है. दरअसल, 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने का भी फैसला किया गया है, जिसके कारण इस मुद्दे पर चर्चा और भी तेज हो गई है. हालांकि, RBI ने स्पष्ट किया है कि 5,000 रुपये का नोट जारी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौजूदा मुद्रा प्रणाली देश की आर्थिक जरूरतों के लिए पूरी तरह से पर्याप्त है. आज भारत में सबसे बड़ा नोट 500 रुपये का है, इसके अलावा 200, 100, 50, 20 और 10 रुपये के नोट भी चलन में हैं.
₹5000 का नोट जारी होने की अफवाहें वायरल
फेक न्यूज तेजी से वायरल
5000 रुपये का नोट आने का दावा
5,000 रुपये के नोट पर तथ्य जांच
5000 रुपये के भारतीय नोट के अस्तित्व के बारे में दावे पूरी तरह से झूठे हैं. विवादित छवि तब सामने आई जब Reddit उपयोगकर्ता (SuperDuper_Bruh) ने "5000 रुपये के भारतीय नोट की मेरी अवधारणा (केवल सामने की तरफ)" शीर्षक से अपना कॉन्सेप्ट डिजाइन साझा किया. यह डिजाइन Reddit उपयोगकर्ता द्वारा बनाया गया था और यह भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किया गया आधिकारिक नोट नहीं है.
My concept of a 5000 Indian Rupee note (front side only)
5,000 रुपये के नोट लॉन्च करने की रिपोर्टें झूठी
2014 में, RBI ने स्पष्ट किया कि 5,000 रुपये के नोट लॉन्च करने की रिपोर्टें झूठी थीं. सोशल मीडिया, खासकर ट्विटर पर इस तरह के लॉन्च के बारे में चर्चाएँ बहुत थीं, जिसमें कई लोगों ने इसे "बुरी तरह से फोटोशॉप किया हुआ 1,000 रुपये का नोट" कहा. RBI के प्रवक्ता ने NDTV से कहा, "ऐसी कोई योजना नहीं है. हमें नहीं पता कि यह अफवाह कैसे शुरू हुई."
5,000 और 10,000 रुपये के नोट प्रचलन में थे
दिलचस्प बात यह है कि 1950 के दशक में 1,000 और 10,000 रुपये के नोटों के साथ-साथ 5,000 रुपये के नोट भी प्रचलन में थे. हालांकि, बाद में इन उच्च मूल्य वाले नोटों को वापस ले लिया गया. RBI के अनुसार, 1960 के दशक की शुरुआत में आर्थिक चुनौतियों के कारण बदलाव हुए और 1967 में छोटे आकार के नोटों ने उनकी जगह ले ली.