Video: सेना ने फिर आजमाया अपना ब्रह्मास्त्र, पत्थरबाजों का मानव ढाल बनाकर टाली जान-माल की हानि

जम्मू-कश्मीर में सेना ने पत्थरबाजों को करारा जवाब देने का तरीका ढूंढ निकला है. खास बात यह है की इस नायब तरीके में ना गोली चलानी पड़ती है, ना ही लाठीचार्ज करना पड़ता है और ना ही कोई हताहत होता है.

सेना ने काफिले के आगे बैठाया पत्थरबाज (Image Credits : Twitter)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सेना ने पत्थरबाजों को करारा जवाब देने का तरीका ढूंढ निकला है. खास बात यह है की इस नायब तरीके में ना गोली चलानी पड़ती है, ना ही लाठीचार्ज करना पड़ता है और ना ही कोई हताहत होता है. इसके बावजूद पत्थरबाजो को शांत होने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है कि कैसे सेना ने पत्थरबाजों को बड़े आराम से अपने काफिले के आगे बिठाया हुआ है. पत्थरबाजों का मानव ढाल के तौर पर इस्तेमाल करने के कारण सामने खड़ी उग्र भीड़ सेना के जवानों पर चाहकर भी हमला नहीं कर पा रही हैं.

बताया जा रहा है कि यह वीडियो जम्मू-कश्मीर के अवंतिपुरा का है. हालांकि, इस वीडियो की सच्चाई की अबतक कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन वीडियो में जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ सीआरपीएफ के जवान दिखाई दें रहे है.

बता दें की बीते साल नौ अप्रैल को श्रीनगर के बडगाम में हिंसा के दौरान पत्थरबाजों से निपटने के लिए एक युवक को सेना की जीप के आगे बांधकर दर्जनों गांवों में घुमाया गया था.

रमजान के पाक महीने के दौरान जम्मू-कश्मीर में सीजफायर लागू किया गया था. लेकिन इसके बावजूद कई आतंकी हमले हुए और कई बार पत्थरबाजी की घटनाएं भी सामने आईं. जिसके बाद केंद्र सरकार ने संघर्ष विराम को आगे बढ़ाने से साफ़ मन कर दिया.

घाटी में इस साल पांच माह के दौरान सुरक्षाबलों ने 70 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया है, जबकि इस दौरान 48 ना​गरिकों ने भी अपनी जान गंवाई है. वहीं इस दौरान 35 सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए. अप्रैल में आतंकी हिसा में सबसे ज्यादा 41 मौतें हुई हैं. सबसे ज्यादा 19 आतंकी और 17 नागरिक मारे गए हैं. मई में आतंकी हिसा में होने वाली मौतों में गिरावट आई. मई में 18 आतंकियों, 14 नागरिकों,तीन पुलिसकर्मियों और एक सैन्यकर्मी की जान गई.

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