'Islam Zindabad' Video Shared by Tarek Fatah: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में लगे 'इस्लाम जिंदाबाद' के नारे? जानें तारेक फतह द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो की सच्चाई

सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप का व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है, जिसमें मुस्लिम पुरुषों का एक समूह सड़कों पर नजर आ रहा है और बैकग्राउंड में इस्लाम जिंदाबाद के नारे सुने जा सकते हैं, लेकिन फैक्ट चेक में पता चला है कि वीडियो क्लिप बांग्लादेश की सड़कों से है न कि पश्चिम बंगाल से. वीडियो में बांग्लादेश के झंडे और देश की वर्दी में पुलिसकर्मी भी नजर आ रहे हैं.

फेक न्यूज (Photo Credits: Twitter/@TarekFatah)

'Islam Zindabad' Video Shared by Tarek Fatah: सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप को व्यापक तौर पर शेयर किया जा रहा है, जिसमें मुस्लिम पुरुषों का एक समूह सड़कों पर नजर आ रहा है और बैकग्राउंड में इस्लाम जिंदाबाद (Islam Zindabad) के नारे सुने जा सकते हैं. इस वीडियो को पाकिस्तानी-कनाडाई पत्रकार (Pakistani-Canadian journalist) व लेखक तारेक फतह (Tarek Fatah) ने ट्विटर पर शेयर किया, जिसके बाद वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. ट्विटर पर इस वीडियो के साथ कैप्शन लिखा है- यह कराची, कश्मीर या केरल से नहीं है, बल्कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) द्वारा शासित पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजधानी कोलकाता (Kolkata) में इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं.

हालांकि करीब से देखने पर पता चलता है कि जुलूस पश्चिम बंगाल की सड़कों पर नहीं निकाला गया है. इस वायरल खबर की सच्चाई जानने के लिए फैक्ट चेक किया गया तो पता चला कि वीडियो क्लिप बांग्लादेश की सड़कों से है न कि पश्चिम बंगाल से. वीडियो में बांग्लादेश के झंडे और देश की वर्दी में पुलिसकर्मी भी नजर आ रहे हैं. इस्लाम जिंदाबाद के नारे वाला यह वीडियो वास्तविक है, लेकिन इसे लेकर किया जा रहा दावा फेक है. यह भी पढ़ें: Islamic Studies Part of UPSC Syllabus: इस्लामिक स्टडीज को बनाया गया UPSC सिलेबस का हिस्सा? वायरल हुई इस खबर का IPS एसोसिएशन ने किया खंडन

तारेक फतह का ट्वीट

बांग्लादेश से है यह वीडियो-

गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं है जब तारेक फतह ने एक फेक वीडियो शेयर किया है. लगभग दो हफ्ते पहले उन्होंने एक फेक वीडियो क्लिप शेयर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि काफिरों को मारने की प्रथा को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए पाकिस्तानी पेड़ों को उखाड़ रहे हैं, लेकिन जब उसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि उसमें किया गया दावा फेक था.

Fact check

Claim

वीडियो में मैसेज के साथ दावा किया गया है कि यह कराची, कश्मीर या केरल नहीं है. इस्लाम जिंदाबाद के नारे पश्चिम बंगाल के कोलकाता में लगाए गए.

Conclusion

वीडियो को लेकर किया गया दावा फेक है. इस्लाम जिंदाबाद के नारे वाला वीडियो कोलकाता की सड़कों से नहीं, बल्कि बांग्लादेश से है.

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