Happy Valentine's Day 2019: रॉबर्ट वाड्रा की इस खूबी पर फिदा हुई थी प्रियंका गांधी, दिलचस्प है लव स्टोरी
प्रियंका और रॉबर्ट ब्रिटिश स्कूल के विद्यार्थी थे. रॉबर्ट लड़कियों के बीच काफी लोकप्रिय थे. रॉबर्ट की सादगी पर फिदा प्रियंका पहली ही नजर में उन्हें दिल दे बैठी थीं.
Valentine's Day Special: ‘जिंदगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है..’ यह पंक्ति भले ही किसी फिल्म से हो, लेकिन एक सफल प्रेमी युगल की सच्ची दास्तां बयां कर जाती है. अगर हम कहें कि सामान्य परिवार के रॉबर्ट वाड्रा और देश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार की बेटी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की प्रेम कहानी भी कुछ ऐसी ही पंक्तियां रचती हैं, तो गलत नहीं होगा. कभी बेमेल जोड़ी समझा जाने वाला यह युगल आज अटूट प्रेम का प्रतीक बन चुका है, जो संकट की घड़ी में एक दूसरे को समझते-समझाते हैं, सुख-दुख को मिलकर शेयर करते हैं. वैलेनटाइन डे के अवसर पर सच्चे प्रेम की कसौटी पर खरे उतरने वाले रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) और प्रियंका गांधी वाड्रा की प्रेम कहानी कुछ ऐसी ही है..
प्रियंका गांधी कितने बड़े राजनीतिक परिवार से हैं, बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन रॉबर्ट वाड्रा की पृष्ठभूमि कम लोग ही जानते हैं. रॉबर्ट के दादा जी हुकुम राय वाड्रा मूलतः पाकिस्तान के सियालकोट के रहने वाले थे. भारत पाकिस्तान बंटवारे के बाद उनके दादा जी सपरिवार भारत के मुरादाबाद में आकर बस गये. यहां उन्होंने पीतल और आर्टिफिसियल ज्वेलरी का व्यवसाय शुरू किया. यहीं पर रॉबर्ट के पिता राजेंद्र वाड्रा का विवाह स्कॉटलैंड की मॉरीन से हुआ. 18 अप्रैल 1969 में मुरादाबाद में ही रॉबर्ट का जन्म हुआ.
प्रियंका और रॉबर्ट ब्रिटिश स्कूल के विद्यार्थी थे. रॉबर्ट लड़कियों के बीच काफी लोकप्रिय थे. रॉबर्ट की सादगी पर फिदा प्रियंका पहली ही नजर में उन्हें दिल दे बैठी थीं. कहते हैं प्रियंका और रॉबर्ट वाड्रा की पहली मुलाकात रॉबर्ट की बहन मिशेल वाड्रा के सहयोग से एक कॉमन फ्रेंड के घर पर हुई थी. उस समय प्रियंका मात्र 13 वर्ष की थीं. शुरु-शुरु में रॉबर्ट ने प्रियंका को गंभीरता से नहीं लिया था, लेकिन प्रियंका के दिल में रॉबर्ट घर कर चुके थे. रॉबर्ट को प्रियंका की सादगी बहुत पसंद आयी. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया भी था कि प्रियंका ने कभी भी जाहिर नहीं होने दिया कि वह इतने बड़े राजनीतिक परिवार से हैं. जैसे-जैसे दोनों की मुलाकातें बढ़ीं, वे करीब आते गये. एक बार प्रियंका रॉबर्ट से मिलने मुरादाबाद आयीं तो उनके रिश्ते की बात लोगों तक पहुंची. रॉबर्ट नहीं चाहते थे कि उनकी प्रेम कहानी अखबारों की सुर्खियां बनें. इससे लोगों में गलत संदेश जा सकता है. धीरे-धीरे रॉबर्ट और राहुल भी अच्छे दोस्त बन गये.
प्रियंका रॉबर्ट को बहुत पसंद करती थीं लेकिन शादी का प्रस्ताव रॉबर्ट ने रखा था. इस विवाह से सोनिया गांधी या राहुल गांधी को कोई एतराज नहीं था, लेकिन रॉबर्ट के पिता इस विवाह के विरुद्ध थे. लेकिन बेटे की चाहत को देखते हुए पिता ने शादी की स्वीकृति दे दी.
सन 1997 में दोनों का विवाह हुआ, तब प्रियंका 20 और रॉबर्ट वाड्रा 22 वर्ष के थे. मां सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर यह शादी बहुत सादगी और हिंदू रीति रिवाजों से हुई थी. सादगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस की चेयरपर्सन होने के बावजूद बेटी की शादी में महज 150 मेहमानों को आमंत्रण पत्र भेजा गया था.
प्रियंका-रॉबर्ट की शादी के बाद कयास लगाया जा रहा था कि रॉबर्ट भी प्रियंका के साथ राजनीति में प्रवेश करेंगे, लेकिन रॉबर्ट राजनीति का हिस्सा बनने के बजाय खुद को अपने व्यवसाय तक सीमित रखा. आज रॉबर्ट और प्रियंका की दो संतानें बेटा रेहान और बेटी मिराया हैं. रॉबर्ट ने एक इंटरव्यू में बताया था कि घर, परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी प्रियंका ही संभालती हैं रॉबर्ट को फिजूलखर्ची जरा भी पसंद नहीं. इनका परिवार गुड़गांव में रहता है.