Fact Check: उत्तर प्रदेश को 2-3 हिस्सों में विभाजित करने और पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने पर विचार कर रही है केंद्र सरकार? जानें वायरल खबर की सच्चाई
वायरल इस खबर की सच्चाई जब पीआईबी की तरफ से चेक की गई तो यह खबर फेक पाई गई है. जिसके बाद पीआई बी की तरफ से ट्वीट कर कहा गया कि यह खबर फर्जी है. केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश के अलग हिस्से करने से संबंधित कोई विचार नहीं कर रही है. इसलिए लोग ऐसे ख़बरों पर भरोसा ना करे
नई दिल्ल: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में अभी से हीराजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. इन्हीं खबरों के बीच गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ दिल्ली पहुंचे. दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद पीएम मोदी से मिले. उत्तर प्रदेश के इन्हीं खबरों के बीच एक नई खबर वायरल तेजी के साथ वायरल हो रही है. जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश को 2 से 3 हिस्सों में विभाजित करने और पूर्वांचल (Purvanchal) को अलग राज्य बनाने पर विचार कर रही है.
वायरल न्यूज में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश को दो या तीन हिस्सों में बांटने पर विचार किया जा रहा है. जिसमें पूर्वांचल को एक अलग राज्य बनाने पर विचार हो रहा है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले विभाजन पर पीएम मोदी और सीएम योगी के साथ चर्चा हुई है इसके साथ ही वायरल न्यूज में यह भी कहा गया है कि यदि पूर्वांचल एक अलग राज्य बन गया तो योगी का गढ़ गोरखपुर एक अलग राज्य में आ जाएगा. इसके साथ ही अयोध्या और काशी, मथुरा भी एक अलग- अलग राज्य में आने की बात कही गई है. यह भी पढ़े: Fact Check: प्रधानमंत्री बेरोजगार भत्ता योजना 2021 के तहत 18 साल से अधिक उम्र के बेरोजगार लोगों को दिया जाएगा 3,500 रुपए का मासिक भत्ता? जानें सच्चाई
PIB Fact Check:
वहीं वायरल इस खबर की सच्चाई जब पीआईबी (PIB) की तरफ से चेक की गई तो यह खबर फेक पाई गई है. जिसके बाद पीआईबी की तरफ से ट्वीट कर कहा गया कि यह खबर फर्जी है. केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश के अलग हिस्से करने से संबंधित कोई विचार नहीं कर रही है. इसलिए लोग ऐसे ख़बरों पर भरोसा ना करे .
दरअसल नवंबर, 2011 में तत्कालीन मायावती सरकार ने उत्तर प्रदेश को पूर्वाचल, बुंदेलखंड, पश्चिमी प्रदेश और अवध प्रदेश में बांटने का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कराकर केंद्र को भेजा था, लेकिन इस पर केंद्र की मुहर नहीं लगी थी. इस प्रस्ताव के मुताबिक, पूर्वांचल में 32, पश्चिम प्रदेश में 22, अवध प्रदेश में 14 और बुंदेलखण्ड में 7 जिले शामिल होने थे. जो केंद्र सरकार की मुहर नहीं लगने की वजह से उत्तर प्रदेश का बंटवारा नहीं हो सका.
Fact check
यूपी को 2-3 हिस्सों में विभाजित करने पर केंद्र कर रही है विचार
पीआईबी के जांच में इसे फर्जी पाया गया.