अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कार The Beast बंकर से कम नहीं, हाईटैक तकनीक से है लैस और टैंक को देती है टक्कर, जानें खासियत
दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) जब किसी देश के दौरे पर जाते हैं तो अपनी खास सुरक्षा भी साथ लेकर चलते हैं. यही नहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुनिया के किसी भी देश में क्यों न रहे उनकी कार उनके साथ रहती है. ट्रंप का जब भी विदेश दौरा होता है, उनके पहुंचने से पहले उनकी कार वहां पहुंच जाती है. डोनाल्ड ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप के साथ 24-25 फरवरी को भारत के दौरे पर भारत आने वाले हैं. तो उनकी कार पहले ही भारत पहुंच चुकी है. डोनाल्ड ट्रंप की स्पेशल कार को 'द बीस्ट' (The Beast) के नाम से जाना जाता है, जिसे दुनिया की सबसे सुरक्षित कार माना जाता है. अगर मन में सवाल उठ रहा है कि इस कार में ऐसी क्या बात है. आप को जानना चाहिए क्योंकि ऐसी कार दुनिया में किसी के पास नहीं है. अगर कहें यह एक कार नहीं बल्कि टैंक, अभेद्य कवच या एक कंट्रोल रूम है तो गलत नहीं होगा.
दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) जब किसी देश के दौरे पर जाते हैं तो अपनी खास सुरक्षा भी साथ लेकर चलते हैं. यही नहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुनिया के किसी भी देश में क्यों न रहे उनकी कार उनके साथ रहती है. ट्रंप का जब भी विदेश दौरा होता है, उनके पहुंचने से पहले उनकी कार वहां पहुंच जाती है. डोनाल्ड ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप के साथ 24-25 फरवरी को भारत के दौरे पर भारत आने वाले हैं. तो उनकी कार पहले ही भारत पहुंच चुकी है. डोनाल्ड ट्रंप की स्पेशल कार को 'द बीस्ट' (The Beast) के नाम से जाना जाता है, जिसे दुनिया की सबसे सुरक्षित कार माना जाता है. अगर मन में सवाल उठ रहा है कि इस कार में ऐसी क्या बात है. आप को जानना चाहिए क्योंकि ऐसी कार दुनिया में किसी के पास नहीं है. अगर कहें यह एक कार नहीं बल्कि टैंक, अभेद्य कवच या एक कंट्रोल रूम है तो गलत नहीं होगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक दौरों के लिए स्पेशली डिजाइन की गई कार ‘द बीस्ट’ ऑर्म्ड लिमोसीन कार 24 सितंबर, 2018 को काफिले में जगह दी गई थी. ‘द बीस्ट’ ने लिमोसिन कैडेलेक वन की जगह ली थी. ‘द बीस्ट’ ऑर्म्ड लिमोसीन कार के दरवाजे 8 इंच मोटे आर्मर-प्लेट से बनाए गए हैं, जो किसी भी हमले को झेलने में सक्षम है. ऑर्म्ड लिमोसीन कार करीब 20 हजार पाउंड वजन की है. बोइंग विमान के केबिन के दरवाजे के वजन के बराबर समझे. इस कार का दरवाजा एक बार बंद हुआ तो पूरी तरह से सील हो जाता है. अगर कोई रासायनिक बम से हमला भी करता है तो अंदर बैठे ट्रंप का बाल भी बांका नहीं होगा.
द बीस्ट ऑर्म्ड लिमोसीन को एक ऐसा कवच माना जाता है जिसे मिसाइल हमला, राकेट हमला या फिर जमीन के अंदर लगाए IED ब्लास्ट का भी कोई असर नहीं होता है. यहां तक परमाणु हमला भी ये कार झेल सकती है. इस कार की खिड़कियों में लगे सभी शीशे कई लेयर के बने होते हैं जो किसी भी हमले को बड़ी सरलता से झेल सकें. कार की खिडकियां पूरी तरह से जाम होती हैं जिन्हें कभी खोला नहीं जा सकता है. अगली सीट पर बैठा कमांडो जो एक ड्राइवर भी होता है वहीं शीशे को तीन इंच तक खोल सकता है. यह भी पढ़ें:- ये हैं इंडियन आर्मी के 3 खूंखार कमांडो, PAK के नापाक मंसूबों को पलक झपकते ही कर देंगे विध्वंस.
इस कार की बॉडी बनाने में स्टील, टाइटेनियम, एल्यूमीनियम और चीनी मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है. जो 8 इंच मोटी होती है. कार में ड्राइव के अलावा छह-सात लोगों के बैठने की जगह होती है. कार को ड्राइव करने वाला शख्स एक बेहतरीन कमांडो होता है, जिसके पास हर परिस्थियों से निपटने की ट्रेनिंग होती है. कमांडो इतना निपुण होता है कि द बीस्ट ऑर्म्ड लिमोसीन को हाई स्पीड के दौरान 180 डिग्री पर मोड़ सकता है. कार को चलाने वाला कमांडो कार में बने विशेष कैबिन में होता है. वो राष्ट्रपति को देख नहीं सकता है.
इसके अलावा अगर कोई कार पर हमला करता है तो वो द बीस्ट ऑर्म्ड लिमोसीन में लगी आंसू गैस, ग्रेनेड लॉन्चर, तोप और ब्लेड बैग जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से हमला कर सकता है. द बीस्ट ऑर्म्ड लिमोसीन के अंदर एक पैनिक बटन भी होता है, इसके अलावा कार में ऑक्सीजन बटन भी होता है. जिसे दबाने के बाद कार के अंदर शुद्ध हवा सप्लाई होने लगती है. यहीं नहीं ट्रंप की कार के पिछली सीट पर एक सैटेलाइट फोन लगा होता है, इस फोन के जरिया वे अमेरिका के उप-राष्ट्रपति और पेंटागन हेड ऑफिस से सीधे जुड़े रहते हैं. इसमें आर्मर्ड प्लेटेड फ्यूल टैंक है.
द बीस्ट ऑर्म्ड लिमोसीन कार की लंबाई 18 फीट, ऊंचाई 5.10 इंच है. अगर द बीस्ट ऑर्म्ड लिमोसीन कार को आग के बीच से भी गुजरना हो तो वो आसानी से जा सकती है, इसके अलावा टायर पंचर होते नहीं है, कार 0 से 60 की स्पीड 15 सकेंड में आसानी से पकड़ लेती है. अगर ट्रंप चाहे तो कार के अंदर बैठे लोगों को कांच के चेंबर में अलग कर सकते हैं. इस शानदार और अभेद्य द बीस्ट ऑर्म्ड लिमोसीन को बनाने में लगभग 10 करोड़ रुपए खर्च होते है. इस कार के आगे पीछे तकरीबन 14 कारों का काफिला होता है.