FACT CHECK: क्या Haiti, Tanzania और Zambia के राष्ट्रपतियों की मौत COVID-19 वैक्सीन लेने से करने के बाद हुई? वायरल दावा निकला बेबुनियाद, जानें असली सच्चाई
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि हैती, तंजानिया और जाम्बिया के पूर्व राष्ट्रपतियों की मौत कोविड-19 वैक्सीन के विरोध में उनके रुख से जुड़ी है.
COVID Vaccine Myths: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि Haiti, Tanzania और Zambia के पूर्व राष्ट्रपतियों की मौत कोविड-19 वैक्सीन के विरोध में उनके रुख से जुड़ी है. वीडियो में हैती के पूर्व राष्ट्रपति जोवेनेल मोइज, तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति जॉन मैगुफुली और जाम्बिया के संस्थापक राष्ट्रपति केनेथ कौंडा का नाम लिया गया है. कहा गया है कि उनकी असामयिक या रहस्यमयी मौतें वैक्सीन के विरोध के कारण हुईं.
हालांकि, यह दावा पूरी तरह से भ्रामक और निराधार है. इन नेताओं की मौत के अलग और स्पष्ट कारण हैं और इनका वैक्सीन नीति से कोई लेना-देना नहीं है.
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इंस्टाग्राम वीडियो में COVID-19 वैक्सीन न लेने का झूठा दावा
जॉन मैगुफुली (तंजानिया) की मौत का फैक्ट चेक
मैगुफुली (John Magufuli) को टीकों पर संदेह था और वे पारंपरिक उपचारों को बढ़ावा देते थे, लेकिन मार्च 2021 में हृदय रोग से उनकी मृत्यु हो गई. किसी भी विश्वसनीय स्रोत ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उनकी मौत कोविड-19 के कारण हुई या किसी साजिश के कारण.
केनेथ कौंडा (जाम्बिया) की मौत का फैक्ट चेक
कौंडा (Kenneth Kaunda) का 97 वर्ष की आयु में जाम्बिया के एक सैन्य अस्पताल में इलाज के दौरान निमोनिया से निधन हो गया. महामारी के दौरान वे राष्ट्रपति नहीं थे, और उनकी मृत्यु का टीके से कोई संबंध नहीं था. जाम्बिया ने कोविड-19 टीके को स्वीकार कर लिया था और उसकी शुरुआत की योजनाएं पहले ही शुरू कर दी थीं.
जोवेनेल मोइज (हैती) की मौत का फैक्ट चेक
मोइज (Jovenel Moise) की जुलाई 2021 में हथियारबंद हमलावरों द्वारा किए गए हमले में हत्या कर दी गई थी. यह हत्या एक राजनीतिक साज़िश का हिस्सा थी, किसी भी टीका नीति से संबंधित नहीं थी. उस समय हैती में टीकों का वितरण शुरू नहीं हुआ था, लेकिन सरकार ने टीके को पूरी तरह से अस्वीकार नहीं किया था.
गलत सूचनाओं का खंडन
विशेषज्ञों और फैक्ट चेकिंग संस्थानों ने इस वीडियो में फैलाई गई गलत सूचनाओं का खंडन किया है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि ऐसी अफवाहें लोगों में भय और गलतफहमी पैदा कर सकती हैं. कोविड-19 टीके और नेताओं की मौतों के बीच कोई वैज्ञानिक या तथ्यात्मक संबंध नहीं है.
अंततः सोशल मीडिया पर प्रसारित दावे भ्रामक और झूठे हैं. इन नेताओं की मौत के कारण अलग-अलग और स्पष्ट हैं, और उन्हें COVID-19 वैक्सीन से जोड़ना पूरी तरह से गलत है.