कराची: भारतीय मूल के प्रख्यात पाकिस्तानी नेता एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता बी एम कुट्टी (B.M. Kutty) का लंबी बीमारी के बाद रविवार को यहां निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे. कुट्टी 70 साल पहले 19 वर्ष की आयु में 1949 में पाकिस्तान में बस गये थे। उनका जन्म केरल के मलप्पुरम नगर में हुआ था. वह भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए काम करने वाले एक शांति समूह ‘पाकिस्तान पीस कोलेशन’ के महासचिव थे। वह बलूचिस्तान के गवर्नर के राजनीतिक सचिव भी रहे थे. मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं पत्रकार मारवी सरमद ने कहा, ‘‘वह काफी समय से बीमार थे. उन्होंने नागरिक एवं मानवाधिकारों के लिए लड़ाई में अपना पूरा जीवन लगा दिया.’’
उनकी पत्नी बिरजिस सिद्दिकी का 2010 में निधन हो गया था.दंपती की चार संतानें हैं. कुट्टी 2011 में अपनी आत्मकथा ‘स्वनिर्वासन में 60 साल: कोई अफसोस नहीं, एक राजनीतिक आत्मकथा’ से प्रसिद्ध हुए। इसमें उन्होंने केरल से कराची तक की अपनी यात्रा की कहानी बयां की है. इस बीच, तिरूवनंतपुरम से प्राप्त खबर के मुताबिक केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कुट्टी के निधन पर शोक प्रकट किया है. विजयन ने कुट्टी को एक ऐसा नेता बताया जो भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंधों के हमेशा ही हिमायती रहे.