भारत के इतिहास (Indian History) में कई राजा हुए हैं जिनके नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज है. कई राजाओं को उनके शौर्य और पराक्रम के लिए जाना जाता है, जबकि कई राजा अपने रंगीन मिजाज के लिए जाने जाते थे. भारत के रंगीन मिजाज वाले बादशाहों (Badshah) में शुमार अवध के नवाब वाजिद अली शाह (Nawab Wajid Ali Khan) को लेकर कहा जाता है कि उन्होंने पाक कला से लेकर नृत्य कला तक कई क्षेत्रों में गजब का योगदान दिया था. सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि वाजिद अली शाह ने अपनी जिंदगी के आखिरी दौर में 300 से भी ज्यादा शादियां की थी. यहां तक कि उन्होंने अपनी अफ्रीकी महिला अंगरक्षकों (African Women Guards) को भी नहीं बख्शा और उन्हें भी बीवी बना लिया.
रोजी लिवेलन जोंस ने अपनी किताब 'द लास्ट किंग इन इंडिया: वाजिद अली शाह' में इस बारे में विस्तार से लिखा है. इस किताब में बताया गया कि वाजिद अली शाह ने न सिर्फ अपने आखिरी दौर में 300 से ज्यादा शादियां की थीं, बल्कि बहुत सी महिलाओं को एक साथ तलाक भी दिया था. कहा जाता है कि वह व्यापारियों के साथ आने वाली अफ्रीकी महिला गुलामों को गार्ड बनाकर अपने साथ रखता था और उन पर बादशाह का दिल भी आया था.
वाजिद अली शाह की जिंदगी में एक ऐसा दौर भी आया जब वह रोज एक या इससे ज्यादा शादियां करता था. इतना ही नहीं जब अवध राज्य को अधिग्रहित करके अंग्रेजों ने वाजिद अली शाह को कोलकाता जाने के लिए मजबूर किया, तो वहां भी इस बादशाह ने रंगीन दुनिया बसाने की कोशिश की. बादशाह ने कोलकाता के बाहर नदी के किनारे जागीर गार्डन रिज नाम की रियासत बसाई, जहां उन्होंने अपने जीवन के आखिरी 30 साल गुजारे. यहां नवाब ने एक खास चिड़ियाघर और परीखाना बनाया, जिसमें उनकी सभी बीवियां रहती थीं.
कहा जाता है कि पत्नियों की ज्यादा संख्या को लेकर वाजिद अली शाह को काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी थी. इस किताब में कहा गया है कि वाजिद अली शाह ने अपने जीवन के आखिरी दौर में 375 महिलाओं के शादी की थी. इसे लेकर उनके वंशजों का कहना है कि बादशाह बहुत पवित्र व्यक्ति थे और वह अपनी सेवा के लिए किसी भी महिला को तब तक इजाजत नहीं देते थे, जब तक कि उससे अस्थायी विवाह न कर लें.
वाजिद अली शाह के बारे में कहा जाता है कि वह एक ऐसे बादशाह थे, जिन्हें महिलाओं के साथ घिरे रहने में काफी आनंद आता था. यहां तक कि विदेशी व्यापारियों के साथ आने वाली अफ्रीकी महिला सैनिकों पर भी उनका दिल आ गया था और उन्होंने उन महिला अंगरक्षकों को भी अपनी बीवी बना लिया. साल 1843 में उन्होंने अफ्रीकी मूल की यास्मीन महल से शादी की थी और उनकी दूसरी अफ्रीकी बीवी का नाम अजीब खानम था. बताया जाता है कि नवाब ने पहला संबंध 8 साल की सेविका से बनाया. जबरदस्ती बनाए गए इस संबंध का सिलसिला दो साल तक चला और उसे निकाले जाने के बाद दूसरी सेविका आई, जिससे वाजिद अली ने संबंध बनाए.
गौरतलब है कि जब अंग्रेजों ने बादशाह को कोलकाता भेजा तो उससे पहले ही उन्होंने अपनी कई अस्थायी और स्थायी पत्नियों को छोड़ दिया, फिर कोलकाता जाने के बाद उन्होंने एक साथ कई शादियां की और उसी तरह कई शादियों को एक साथ खत्म भी किया. रंगीन मिजाज इस बादशाह का निधन 21 सितंबर 1887 को हुआ था.