World Tourism Day 2023: क्यों महत्वपूर्ण है विश्व पर्यटन दिवस? जानें इसका महत्व, इतिहास एवं भारतीय परिप्रेक्ष्य में पर्यटन दिवस!

प्रत्येक वर्ष 27 सितंबर को अनोखी थीम एवं बड़े उत्साह के साथ दुनिया भर में विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय विकास में पर्यटन की प्रमुख भूमिका के बारे में आम जनमानस में जागरूकता बढ़ाना है. हर साल एक अनोखी थीम के साथ विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है.

World Tourism Day 2023

प्रत्येक वर्ष 27 सितंबर को अनोखी थीम एवं बड़े उत्साह के साथ दुनिया भर में विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय विकास में पर्यटन की प्रमुख भूमिका के बारे में आम जनमानस में जागरूकता बढ़ाना है. हर साल एक अनोखी थीम के साथ विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष यानी साल 2023 की थीम है पर्यटन और हरित निवेश, जो साल 2030 तक एक बेहतर दुनिया के लिए अधिक और बेहतर निवेश एवं विकास की आवश्यकता को दर्शाता है. आइये जानते हैं विश्व पर्यटन दिवस के महत्व, इतिहास एवं भारत में पर्यटन के बारे में कुछ रोचक और महत्वपूर्ण फैक्ट.

विश्व पर्यटन दिवस का महत्व

विश्व पर्यटन दिवस का मुख्य उद्देश्य पर्यटन की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को यह बताना है कि किसी भी देश के आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं राजनीतिक मूल्यांकन को कैसे प्रभावित करता है. वास्तव में विश्व पर्यटन दिवस अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, सरकारी एवं निजी क्षेत्र के निवेशकों के लिए नई पर्यटन निवेश नीति के लिए एकजुट होने का आह्वान है. गौरतलब है कि इस वर्ष 27 सितंबर 2023 को दुनिया भर में विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाएगा.

विश्व पर्यटन दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा साल 1980 में पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी. इस्तांबुल में 27 सितंबर 1997 को 12वीं संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) महासभा ने तय किया कि हर साल संगठन के किसी एक देश को विश्व पर्यटन दिवस मनाने के लिए मेजबानी करने का अधिकार दिया जा सकता है. इसके बाद से ही प्रत्येक वर्ष भिन्न-भिन्न देश इस दिन विश्व पर्यटन दिवस की मेजबानी करते आ रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने विश्व पर्यटन दिवस के लिए 27 सितंबर का दिन इसलिए चुना क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में उच्च पर्यटन सीजन के अंत में और दक्षिणी गोलार्ध में पर्यटन सीजन की शुरुआत में ही आता है.

कैसे करें सेलिब्रेशन

भिन्न-भिन्न देशों में विश्व पर्यावरण दिवस का सेलिब्रेशन उनकी परंपरा और संस्कृतियों के अनुसार मनाया जाता है. कही डिबेट्स, कईं सेमिनार, कहीं स्थानीय संस्कृति की तरह इस दिवस का आयोजन किया जाता है. बहुत सारे देशों में पार्क से लेकर म्यूजियम और अन्य पर्यटन क्षेत्रों में पर्यटकों को मुफ्त प्रवेश दिया जाता है, अथवा उसके प्रवेश शुल्क में कुछ छूट दे दिया जाता है, ताकि इस अवसर पर अधिक से अधिक लोग पहुंच कर पर्यटन दिवस के महत्व को समझें. आजकल तो ऑन लाइन के जरिये मेक माय ट्रिप, आईआरसीटीसी, गोईबीबो जैसी तमाम एजेंसियां हैं, जो पर्यटन के नाम पर इस दिन तमाम तरह की छूट देते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग पर्यटन का आनंद ले सकें.

भारत के परिप्रेक्ष्य में पर्यटन दिवस

विश्व के अधिकांश देशों में 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है, लेकिन भारत में कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारतीय पर्यटन स्थल दुनिया भर में सराहे जाते हैं, जिसे देखने लाखों विदेशी यात्री भारत आते रहते हैं, इसे देखते हुए 25 जनवरी को यहां भी राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है. आय की दृष्टि से महत्वपूर्ण विभाग होने से स्वतंत्रता के तुरंत बाद 1948 में राष्ट्रीय पर्यटन दिवस की शुरुआत हुई थी. इसका पहला मुख्यालय दिल्ली में शुरू हुआ, लेकिन बाद में इसे मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया. 1951 में इसके दो और कार्यालय चेन्नई और कोलकाता में शुरू किये गए. 1998 में, पर्यटन और संचार मंत्रालय ने पर्यटन विभाग की स्थापना की.

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