World Malaria Day 2024: क्यों मनाया जाता है विश्व मलेरिया दिवस? जानें इस दिवस का इतिहास, लक्षण एवं आयोजन!
गर्मी के आगमन के साथ ही मलेरिया का प्रकोप बढ़ने लगता है. मलेरिया एक परजीवी बीमारी होने के कारण इसका संक्रमण तेजी से फैलता है, जो एक विशेष प्रजाति के मच्छर के काटने से संक्रमित होता है.
गर्मी के आगमन के साथ ही मलेरिया का प्रकोप बढ़ने लगता है. मलेरिया एक परजीवी बीमारी होने के कारण इसका संक्रमण तेजी से फैलता है, जो एक विशेष प्रजाति के मच्छर के काटने से संक्रमित होता है. इस बीमारी के प्रति किंचित लापरवाही मरीज के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है. इस संक्रामक बीमारी से नियंत्रण पाने और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाने की घोषणा की. पहली बार विश्व मलेरिया दिवस का आयोजन साल 2008 में किया गया था. आइये जानते हैं इस संक्रमित एवं महामारी कहे जाने वाली बीमारी के बारे में विस्तार से...
विश्व मलेरिया दिवस का इतिहास
विश्व मलेरिया दिवस की शुरुआत साल 2008 में हुई थी. वस्तुतः यह दिवस विशेष ‘अफ्रीका मलेरिया दिवस’ से प्रेरित होकर शुरू किया गया था, जो अफ्रीकी सरकारों द्वारा साल 2001 से मनाया जाता रहा है. अफ्रीका मलेरिया दिवस का आयोजन वहां मलेरिया से हो रही मृत्यु-दर के लक्ष्य पर नियंत्रण पाने के लिए किया जाता रहा है. साल 2007 में विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में यह प्रस्तावित किया गया कि दुनिया भर के देशों में मलेरिया के अस्तित्व को मापने और इस पर नियंत्रण पाने के उद्देश्य के लिए अफ्रीका मलेरिया दिवस को विश्व मलेरिया में बदल दिया जाए, ताकि इस बीमारी के खिलाफ विश्व स्तर पर लड़ाई में अधिकतम जागरुकता लाई जा सके. यह भी पढ़ें : Zero Shadow Day 2024 in Bengaluru: क्या है शून्य छाया दिवस? जानें इस संदर्भ में कुछ रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियां!
क्यों मनाया जाता है विश्व मलेरिया दिवस ?
साल 2007 में प्रस्तावित होने के पश्चात 25 अप्रैल 2008 को दुनिया भर में विश्व मलेरिया दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी. इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य इस संक्रमित बीमारी को पहचान कर जल्दी से इसका निवारण करना है. ताकि इससे होनेवाली मृत्यु दर के आंकड़े को न्यूनतम अथवा समाप्त किया जा सके, और यह खुशी की बात है कि उचित और पर्याप्त प्रयासों के बाद इस पर नियंत्रण पाने में कुछ हद तक सफलता मिली है.
मलेरिया के लक्षण
* प्रतिदिन एक निश्चित अंतराल पर मरीज को बुखार आना.
* निरंतर सिरदर्द की शिकायत रहना.
* ठंड के साथ कंपकंपी महसूस होना.
* उल्टी अथवा मितली सी आना.
* हाथ-पैरों में लगातार दर्द महसूस होना.
* बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होना
* सांस लेने में दिक्कत आना.
* बेहोशी सी आना
कैसे मनाएं विश्व मलेरिया दिवस?
विश्व मलेरिया दिवस को सफल बनाने के लिए नीचे कुछ उपाय दिये गये हैं.
जन जागरण: विश्व मलेरिया दिवस मच्छरों से सुरक्षा के लिए मच्छरदानी के प्रयोग, मलेरिया निरोधक का छिड़काव और मलेरिया के संदिग्ध मामलों के लिए शीघ्र उपचार के बारे में लोगों को शिक्षित करना है.
कम्युनिटी इवेंटः लोगों को मलेरिया की रोकथाम, लक्षण और उपचार के बारे में शिक्षित करने हेतु वर्कशॉप, सेमिनार, या हेल्थ शिविर का आयोजन कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ना है. गरीब परिजनों को मच्छरदानियां बांटना इत्यादि.
मोबाइल क्लीनिकः इन दिनों ज्यादा से ज्यादा हाथों में मोबाइल देखा जाता है. विश्व मलेरिया दिवस के इस अवसर पर मोबाइल क्लीनिक स्थापित कर उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में मुफ्त मलेरिया जांच और निदान की व्यवस्था करवाना हो सकता है.
सफाई अभियान का आयोजनः गर्मी शुरू होते ही एक ग्रुप बनाकर वेस्ट वाटर इकट्ठा होने वाले स्थानों की सफाई एवं उन गड्ढों को भरने का कार्य किया जा सकता है. इससे मलेरिया जनित मच्छरों पर अंकुश लगाया जा सकता है.