Varieties of Healthy Tea: स्वाद के साथ तमाम बीमारियों का इलाज भी! सेहत के लिए वरदान हैं ये सभी चाय
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चाय एक ऐसा पेय है, जिसकी दीवानगी भारत में आसानी से देखी जा सकती है. चाय के प्रति इस रूझान के कारण समय-दर-समय इस पर कई प्रयोग भी हुए. आयुर्वेद ने तो इसे एक संपूर्ण औषधि करार दे दिया. आयुर्वेद में सामान्य चाय से काढ़े तक कई वैरायटीज हैं, जिन्हें सर्दी, खांसी, जुकाम, सिर-दर्द, गले की तकलीफ आदि बीमारियों का अचूक इलाज बताया जाता है. यहां पर चाय का जिक्र इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि मुंबई से करीब 64 किमी दूरी कर्जत स्थित एक Radisson Blu के शेफ राजीव कुमार ने चाय की तमाम वैरायटीज तैयार किया है, जिसका इस्तेमाल कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान बहुतायत किया गया. ये सभी चाय Radisson Blu Karjat में उपलब्ध है.  आइये जानते हैं, शेफ राजीव कुमार द्वारा तैयार चाय की विभिन्न वैरायटीज के बारे में... यह भी पढ़ें: Giloy Benefits: पूरी तरह से सुरक्षित जड़ी-बूटी है गिलोय, आयुष मंत्रालय ने लीवर खराब होने के दावे को बताया गलत

चाय पर ही कंस्ट्रेशन क्यों?

कोविड संक्रमण की कोई भी औषधि उपलब्ध नहीं होने से लोगों ने विभिन्न औषधियों का बहुतायत इस्तेमाल किया. इसमें जिसे सबसे ज्यादा सुरक्षित माना गया वह थी ग्रीन टी, ब्लैक टी, आयुष काढ़ा इत्यादि. लोगों को इसका लाभ भी मिला. इसी बात से प्रेरित होकर शेफ राजीव कुमार ने तमाम किस्म की चाय लोगों के सामने रखा, जिसे लोगों ने खूब एप्रिसियेट भी किया और आज भी कर रहे हैं. राजीव से यह पूछने पर कि -आप शेफ हैं, आपके पास खान-पान की लंबी लिस्ट होगी, चाय पर ही इतना वर्क क्यों? उन्होंने बताया,  -दरअसल कोविड काल में कस्टमर्स ब्रेक फास्ट एवं लंच के बाद आर्गनिक खाद्य-पदार्थों की मांग करते थे, जिसमें विशेषकर चाय एवं काढ़े होते थे, उन्हें लगता था कि इससे सर्दी, जुकाम एवं गले की खरास से मुक्ति मिलेगी एवं इम्यूनिटी बूस्टअप होगी. इस दौरान काढ़ों की भी अच्छी मांग रही है. राजीव कुमार ने बताया कि उनके इस कार्य को तब विशेष बल मिला, जब चाय के एक बहुत बड़े कारोबारी, सिलीगुड़ी के राजीव लोचन गुप्ता जी, जिनकी दार्जिलिंग से शिमला तक तमाम चाय बागान हैं, ने हमें विशेष सहयोग दिया. उनके साथ हमारी कंपनी ने टायअप किया और इस पर हम दोनों मिलकर काम कर रहे हैं.

हर्बल टी

हर्बल चाय मुख्य रूप से मुलैठी और हल्दी होती है. इस चाय में ना चीनी की जरूरत होती है ना ही दूध की, क्योंकि मुलैठी चीनी जैसा टेस्ट देता है. हल्दी दांतों को साफ करती है, इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाती है और रक्त को साफ करती है. इसलिए हर्बल-टी की अहमियत बहुत ज्यादा होती है. कोरोना में लोगों में इसकी भी बहुत मांग रही.

व्हाइट टी

चाय बागान के चाय के ऊपर की ताजी पत्तियां उंगलियों से तोड़ते हैं. लेकिन ये पत्तियां सुबह धूप तेज होने से पहले सुबह 7 से 10 बजे तक तोड़ लेने चाहिए. पत्तियां तोड़कर पानी में उबालते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखते हैं कि पत्तियां ग्रीन और ब्लैक होने के बीच पानी से बाहर निकाल लेते हैं. इससे इसका ऑक्सीजन निकल जाता है. इसका स्वाद मक्खन की तरह होता है.

ग्रीन टी

ग्रीन टी में हरे पत्ते को गरम पानी में डालते हैं. यह एंटी ऑक्सीडेंट को बढ़ाता है. मोटापे को दूर करता है, मधुमेह के रोगियों का ब्लड शुगर कंट्रोल में रखता है. इसमें और भी तमाम गुण होते हैं.

हर्बल तुलसी चाय

हमारे देश में मसाला चाय बहुत पसंद किया जाता है. यह असम एवं दार्जिलिंग की सामान्य चाय की तरह होता है. इसमें पांच मसालों मेथी, जीरा सौंफ, अजवायन, काला जीरा का मिश्रण होता है. ये मसाले तमाम पौष्टिक गुणों से युक्त होते हैं, इस वजह से चाय भी स्वादिष्ट एवं पौष्टिक होता है.

आयुष काढ़ा

कोविड काल में सबसे ज्यादा डिमांड आयुष काढ़े की थी, और आज भी इसकी अच्छी मांग है. आयुष काढ़ा कच्ची हल्दी और पिपरमिंट जैसे 10 से 12 किस्म के नेचुरल आयुर्वेदिक पदार्थों के मिश्रण से तैयार की गई है. यह सर्दी, जुकाम, बुखार, गले की खरास आदि समस्याओं से मुक्ति दिलाती है, साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है.