Uttar Pradesh Foundation Day 2024: उत्तर प्रदेश में अयोध्या राम मंदिर से ताजमहल तक पर्यटकों को लुभाने वाले 5 दर्शनीय स्थल!
प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश स्थापना मनाया जाता है. 1950 में भारतीय राज्य अधिनियम के तहत संयुक्त प्रदेश को उत्तर प्रदेश के रूप में मान्यता दी गई थी. यह दिवस विशेष भारत की स्वतंत्रता के बाद भाषाई और सांस्कृतिक कारकों के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की स्मृतियों को ताजा करता है.
प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश स्थापना मनाया जाता है. 1950 में भारतीय राज्य अधिनियम के तहत संयुक्त प्रदेश को उत्तर प्रदेश के रूप में मान्यता दी गई थी. यह दिवस विशेष भारत की स्वतंत्रता के बाद भाषाई और सांस्कृतिक कारकों के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की स्मृतियों को ताजा करता है. विश्व की सबसे घनी आबादी वाले इस इकलौते प्रदेश में अनूठे एवं अनमोल ऐतिहासिक धरोहरों के अलावा, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक आकर्षणों का खजाना भरा पड़ा है, जिसके आकर्षण में देशी-विदेश पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं. अब जब अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो चुका है, लिहाजा आगरा, काशी एवं प्रयागराज के बाद अयोध्या भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है. आइये जानें उत्तर प्रदेश के पांच शहर जो पर्यटकों को आने के लिए विवश करता है.
अयोध्या में रामलला मंदिर
पौराणिक ग्रंथों में भगवान राम का जन्मस्थान माना जाने वाला, अयोध्या कई मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों वाला एक पवित्र और प्राचीनतम शहर है. अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को रामलला मंदिर का उद्घाटन किये जाने के बाद पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बन चुका है, भारी तादात में लोग अयोध्या में श्री रामलला का दर्शन करने के लिए व्याकुल हैं. अयोध्या में श्री रामलला के मंदिर के साथ-साथ, हनुमान गढ़ी, सीता रसोई, कनक भवन और पवित्र सरयू नदी के इस तीर्थस्थल में महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल हैं, जिसे देख लोग त्रेता युग की कल्पना में खो जाते हैं. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh Sthapana Diwas 2024: क्या है उत्तर प्रदेश का स्वर्णिम इतिहास? क्यों कहते हैं इसे धर्म, संगीत, साहित्य, कला और राजनीति का सर्वोत्तम प्रदेश?
विश्व के सात अजूबों में एक आगरा का ताजमहल
विश्व के सात अजूबों में उत्तर प्रदेश स्थित आगरा का ताजमहल आज भी प्रेम और स्थापत्य का अनुपम धरोहर माना जाता है. इस अनुपम कृति का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी बेपनाह खूबसूरत पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था. यूनेस्को ने ताजमहल को विश्व के अनुपम धरोहरों में शामिल किया है. यहां पूरे दिन देश-विदेशी पर्यटकों का तांता लगा रहता है. सफेद संगमरमर से निर्मित यह मकबरा बार-बार आगंतुकों को आने के लिए मजबूर करता है.
शिवजी की प्यारी काशी यानी वाराणसी!
पौराणिक ग्रंथों में काशी (अब वाराणसी) को भगवान शिव की सबसे प्यारी नगरी बताया गया है. किंवदंतियों के अनुसार काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर स्थित है. गंगा तट पर बसी काशी के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में बाबा विश्वनाथ मंदिर, तुलसी मानस मंदिर, दुर्गा मंदिर और अस्सी घाट हैं. यह अपने घाटों, प्राचीन मंदिरों एवं आध्यात्मिक महत्व के लिए दुनिया भर में पसंद किया जाता है. काशी कॉरिडोर बनने के बाद यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ी है.
फ़तेहपुर सीकरी!
सम्राट अकबर द्वारा स्थापित एक और ऐतिहासिक शहर है फ़तेहपुर. यहां स्थित ऐतिहासिक धरोहरों में प्रमुख हैं. बुलंद दरवाजा, पंच महल और जामा मस्जिद इत्यादि. ये सारे धरोहर यूनेस्को द्वारा विश्व स्तरीय घोषित किये जा चुके हैं, जो मुगलकालीन वास्तुकला का बेहतरीन नमूना कहा जा सकता है.
प्रयागराज (इलाहाबाद)
प्रयागराज गंगा, यमुना और सरस्वती का ही संगम नहीं, बल्कि साहित्य, संस्कृति और राजनीति का भी संगम है. इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन है. प्रयागराज ही वह शहर है, जहां विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक मेला महाकुंभ का आयोजन प्रत्येक 12 वर्ष के अंतराल पर लगता है. इस अवसर पर देश-विदेश से करोड़ो तीर्थयात्री यहां आते हैं. इसके अलावा यह शहर गंगा, यमुना एवं सरस्वती के त्रिवेणी संगम, भारद्वाज आश्रम, शिवकुटी आश्रम, ललिता देवी शक्तिपीठ जैसे दर्जनों आध्यात्मिक स्थल मौजूद हैं, इसके अलावा यहां अकबर के किले, अमीर खुसरो का मकबरा खुशरूबाग जैसे धरोहर भी हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.