इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ के जीवन पर बनी नेटफ्लिक्स सीरीज की बंपर सफलता के बाद अब वैसी ही सीरीज महात्मा गांधी के शुरुआती जीवन पर बनाई जा रही है.महात्मा गांधी के जीवन पर एक सीरीज बनाई जा रही है, जिसमें उनके जीवन के शुरुआती दिनों को दिखाया जाएगा. तब मोहनदास एक शर्मीला नौजवान था और कोई सोच भी नहीं सकता था कि वह एक दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का राष्ट्रपिता बनेगा.
नई सीरीज में महात्मा गांधी के उन दिनों को दिखाया जाएगा जब वह लंदन के ऐतिहासिक लंदन पब और ब्रिटेन में अन्य जगहों पर आया-जाया करते थे. सीरीज के निर्माताओं के मुताबिक तीन सीजन की यह सीरीज रामचंद्र गुहा की किताबों ‘गांधी बिफोर इंडिया' और ‘गांधीः द ईयर्स दैट चेंज्ड द वर्ल्ड' पर आधारित होगी.
भारत की प्रोडक्शन कंपनी अपालॉज एंटरटेनमेंट के प्रबंध निदेशक समीर नायर बताते हैं कि नेटफ्लिक्स सीरीज ‘द क्राउन' ने गांधी के जीवन पर फिल्मों की संभावना बढ़ा दी है.
नायर कहते हैं, "यह एक बहुत सामयिक कहानी है. एक बहुत शानदार कहानी है जिसके बारे में बहुत ज्यादा लोगों को पता नहीं है. लोग उस व्यक्ति को जानते हैं, उसकी कहानी को नहीं जानते.”
गांधी की भूमिका में प्रतीक
सीरीज की शूटिंग फिलहाल लंदन में चल रही है. जल्दी मुंबई और गुजरात में भी कहानी के कई हिस्सों को फिल्माया जाएगा. इसका निर्देशन हंसल मेहता कर रहे हैं जबकि गांधी की भूमिका 44 साल के प्रतीक गांधी निभा रहे हैं.
प्रतीक गांधी का महात्मा गांधी से कोई रिश्ता नहीं है. हालांकि वह पिछले लगभग आठ साल से एक नाटक में गांधी की भूमिका निभा रहे हैं. वह कहते हैं, "अनजाने में ही मैं इस रोल के लिए तैयारी कर रहा था.”
इतनी तैयारी के बावजूद प्रतीक गांधी सीरीज में अपनी भूमिका को आसान नहीं मानते क्योंकि गांधी के मानवीय रूप को स्क्रीन पर पेश करना आसान नहीं होगा.
वह बताते हैं, "वह महात्मा पैदा नहीं हुए थे. वह कोई सुपरमैन या सुपरह्यूमन नहीं थे. अपने जीवन के अनुभवों ने उन्हें वो बनाया जो वह जिंदगी में बने. ये क्षमताएं हम सबमें होती हैं.”
युवाओं तक पहुंचने की कोशिश
सीरीज के निर्देशक मेहता कहते हैं कि वह इसके जरिए युवा दर्शकों तक पहुंचना चाहते हैं. वे ब्रिटिश एक्टर टॉम फेल्टन की मौजूदगी से भी आकर्षित हो सकते हैं. फेल्टन हैरी पॉटर पर बनी फिल्मों से खूब चर्चा में रहे हैं.
फेल्टन जोसाया ओल्डफील्ड की भूमिका निभा रहे हैं. जब मोहनदास लंदन में वकालत पढ़ रहे थे, तब जोसाया ओल्डफील्ड उनके दोस्त हुआ करते थे. 36 साल के फेल्टन कहते हैं कि वह इस रोल के लिए ना बोल ही नहीं सकते थे.
फेल्टन बताते हैं, "बेशक, उनके (गांधी) बिना दुनिया बहुत अलग दिखेगी. एक ऐसी कहानी का हिस्सा होना जिसने गांधी को गांधी बनाया, इसके लिए तो सोचने की जरूरत ही नहीं थी.”
वीके/एए (रॉयटर्स)