Chardham Yatra 2021: क्या आप भी बना रहे चारधाम यात्रा का प्लान? तो जान लें उत्तराखंड सरकार की SOP, रजिस्ट्रेशन और ePass बनवाने का तरीका

कोरोना महामारी की दूसरी लहर की वजह से महीनों तक निलंबित रहने के बाद उत्तराखंड में हिमालय पर्वतीय क्षेत्र में स्थित चार पवित्र धामों (Char Dham Yatra) की यात्रा कोविड प्रोटोकॉल के साथ 18 सितंबर से शुरू हो गई.

केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम (Photo Credits: Twitter)

How To Get ePass For Char Dham Yatra 2021: कोरोना महामारी की दूसरी लहर की वजह से महीनों तक निलंबित रहने के बाद उत्तराखंड में हिमालय पर्वतीय क्षेत्र में स्थित चार पवित्र धामों (Char Dham Yatra) की यात्रा कोविड प्रोटोकॉल के साथ 18 सितंबर से शुरू हो गई. हालांकि तीर्थयात्रियों को चार धामों-बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के गर्भ गृह में जाने की अनुमति नहीं है. जबकि इस साल देर से शुरू हुई यह तीर्थयात्रा नवंबर के मध्य तक चलेगी. Chardham Yatra 2021: 18 सितंबर से शुरू होगी चारधाम यात्रा, केदारनाथ में हर दिन 800 और बदरीनाथ में 1200 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति

चारधाम यात्रा भारत और विदेशों के तीर्थयात्रियों के लिए खुली है, जिसमें चार मंदिरों में से प्रत्येक के लिए दैनिक सीमा है. उत्तराखंड (Uttarakhand) की राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के मद्देनजर चारधाम यात्रा के लिए अलग से मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) सख्ती से लागू की है. साथ ही यात्रियों को ध्यान देना होगा कि चार तीर्थों में दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन और ई-पास अनिवार्य है. श्रद्धालुओं को बिना ई-पास के दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी. जबकि तीर्थयात्रियों को नेगेटिव कोरोना वायरस टेस्ट रिपोर्ट भी लाना अनिवार्य है. चारधाम यात्रा के लिए पहले ही दिन शाम तक 19,491 ई- पास जारी किए गए थे. चारधाम के लाइव दर्शन के लिए यहां क्लिक करें

यदि आप चारधाम यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो आप ऐसे रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं और ई-पास प्राप्त कर सकते हैं:

उल्लेखनीय है कि मंदिर प्रशासन तीर्थयात्रियों पर सीसीटीवी के जरिए नजर रख रहा है, जिससे कि यह पता चल सके कि कहीं कोविड-19 प्रोटोकॉल का कोई उल्लंघन तो नहीं हो रहा है. मंदिरों के कपाट नियमित पूजा-अर्चना के लिए मई में ही खुल गए थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से इन्हें श्रद्धालुओं के लिए बंद रख गया था.

राज्य सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी में दैनिक तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित कर दी गई है, जिसके तहत बद्रीनाथ में हर रोज 1,000 लोग, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री मंदिर में 400 लोग हर रोज दर्शन कर सकते हैं. एसओपी में कहा कि ऐसे लोगों को यात्रा की अनुमति होगी, जिन्हें कम से कम 15 दिन पहले कोविड रोधी टीके की दूसरी खुराक लग चुकी हो या जिनके पास नेगेटिव आरटी/पीसीआर/ट्रूनैट/सीबीएनएएटी/ आरएटी रिपोर्ट हो, जो 72 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए.

वहीं, कोविड महामारी के अधिक मामलों वाले राज्यों-जैसे केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के तीर्थयात्रियों को कोविड संबंधी नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही ई-पास जारी किया जाएगा, भले ही उन्हें कोरोना रोधी वैक्सीन की दोनों खुराक क्यों न लग गई हों.

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