कोरोना महामारी के बाद आये दिन नई-नई बीमारियां दस्तक दे रही हैं. पिछले दिनों केरल राज्य में एक नई बीमारी ‘टोमैटो फीवर’ के तेजी से अपने पैर फैलाने की खबर है. अमूमन बच्चों में पाये जा रहे इस फीवर के संदर्भ में कुछ आवश्यक जानकारियां..
कोविड-19 की चौथे लहर के साथ ही टोमैटो फीवर ने केरल के कोल्लम शहर को तेजी से अपनी चपेट में लेना शुरु कर दिया है. अमूमन पांच साल या इससे छोटे उम्र के बच्चों में टोमैटो फीवर के काफी मामले देखने में आये हैं. कुछ शोधों के बीच फिलहाल इस बुखार के कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन केरल का स्वास्थ्य विभाग इस फीवर पर नियंत्रण रखने के लिए संपूर्ण केरल में जागरुकता अभियान चला रहा है. टोमैटो फीवर के अजीबोगरीब मामले पर दिल्ली के चिकित्सक डॉ जितेंद्र सिंह बता रहे हैं, इस फीवर के लक्षण, इसकी संक्रमणता दर एवं इससे बचने के क्या उपाय हो सकते हैं...
क्या है टोमैटो फीवर?
कोल्लम (केरल) शहर में मिलने वाले टोमैटो फीवर के अधिकांशतया मामले 5 साल तक के बच्चों में देखा जा रहा है. फिलहाल चल रहे शोधों के बीच अभी पता नहीं चल पाया है कि यह वायरल फीवर है या डेंग्यू अथवा मीजल्स का ही कोई नया स्वरूप है. इस फीवर में बच्चों की त्वचा पर लाल टमाटर जैसे छोटे-छोटे फफोले दिखते हैं, कुछ मामलों में यह टमाटर के आकार में भी देखे गये हैं. इसलिए इसे टोमैटो फीवर का नाम दिया गया है. फिलहाल टोमैटो फीवर कोल्लम शहर एवं उसकी सीमावर्ती क्षेत्रों के बच्चों में देखा गया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस बात से इंकार नहीं किया है कि यह संपूर्ण केरल राज्य एवं उससे लगे राज्यों को भी अपनी चपेट में ले सकता है. ऐसे में पीड़ित बच्चों से परिवार के अन्य बच्चों को दूर रखने की हिदायत जारी की गई है.
क्या टोमैटो फीवर संक्रमित बीमारी है?
टोमैटो फीवर के स्वरूप पर दिल्ली के चिकित्सक डॉ जितेंद्र सिंह बताते हैं, -हां यह संक्रमित बीमारी है. संक्रमित बच्चे से यह घर के अन्य बच्चों को भी संक्रमित कर सकता है, इसलिए घर में किसी बच्चे में ऐसे कुछ लक्षण दिखते ही उसे अन्य बच्चों से अलग रखने की व्यवस्था करें, और बेहतर होगा कि जल्दी से जल्दी चिकित्सक से पीड़ित बच्चे का उपचार करवाया जाये.
टोमैटो फीवर के लक्षण!
टोमैटो फीवर के फिलहाल के लक्षणों बच्चों में तेज बुखार, त्वचा पर उभरे पहले छोटे फिर तेजी से बड़े होते टमाटर जैसे छालों से त्वचा में जलन, थकान, उल्टी, दस्त एवं पेट में ऐंठन की शिकायत मिलती है. इसके अलावा जुकाम, खांसी, तेज और बार-बार छींक का आना आदि लक्षण भी देखे जाते हैं. इस तरह के लक्षण दिखते ही बच्चों को किसी अच्छे चिकित्सक को दिखाना चाहिए.
टोमैटो फीवर से कैसे बचें!
डॉ जितेंद्र सिंह के अनुसार किसी बच्चे में टोमैटो फीवर के लक्षण दिखने पर किसी भी प्रकार का घरेलू उपचार नहीं करें. अलबत्ता कोशिश करें कि बच्चा फफोलों को फोड़े या खरोंचे नहीं. इसके साथ ही उसका तुरंत उपचार करवाएं. अन्य बच्चों को संक्रमित बच्चे से दूर रखें. उसके जूठे बचे खाद्य-पदार्थ का सेवन ना खुद करें और ना दूसरों के करने दें. बच्चे को डिहाइड्रेशन नहीं होने पाए इस बात का ध्यान रखते हुए उसे ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दें. मगर ठंडी चीजें नहीं दें. घर की साफ-सफाई रखें. डॉ जितेंद्र का यह भी कहना है कि इस बीमारी से टमाटर का कोई लेना देना नहीं है. चूंकि यह देखने में टमाटर जैसा लगता है, इसीलिए इसे टोमैटो फ्लू का नाम दिया गया है.