Tomato Flu: तेजी से फैल रहा है टमाटर फ्लू, ओडिशा में 26 बच्चे हुए संक्रमित- जानें लक्षण
Tomato Flu| प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo: Pixabay)

भुवनेश्वर: केरल के बाद ओडिशा से भी टमाटर फ्लू के मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि टमाटर फ्लू ने ओडिशा को प्रभावित किया है. यहां 26 बच्चों में इस बीमारी का पता चला है. इन बच्चों की हालत स्थिर बताई जा रही है. टमाटर फ्लू एक संक्रामक वायरल रोग है जो आंतों के वायरस के कारण होता है और ज्यादातर बच्चों में होता है. Tomato Flu: बच्चों के लिए नई मुसीबत, जानें क्या हैं लक्षण

ओडिशा में अब तक कुल 26 बच्चों में संक्रामक बीमारी ‘एचएफएमडी’ की पुष्टि हुई है, लेकिन बच्चों की हालत फिलहाल स्थिर है. हैंड-फुट एंड माउथ (एचएफएमडी) बीमारी आंत में पाये जाने वाले वायरस के कारण ज्यादातर बच्चों में होती है. वयस्कों में यह बीमारी दुर्लभ मामलों में ही देखने को मिलती है, क्योंकि इनकी प्रतिरक्षा प्रणाली इस वायरस से बचाव के लिहाज से काफी मजबूत होती है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, ज्यादातर मामलों में इस बीमारी से ग्रस्त लोगों में बुखार, मुंह में दर्द देने वाले छाले-चकत्ते और हाथ-पैर तथा कमर के नीचे पिछले हिस्से पर छाले पड़ते हैं.

ओडिशा के स्वास्थ्य सेवा विभाग के निदेशक बिजय महापात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र में अब तक 36 नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 26 नमूनों में एचएफएमडी की पुष्टि हुई. संक्रमित बच्चों में से 19 अकेले भुवनेश्वर के हैं. अधिकारियों ने बताया कि संक्रमित बच्चों की उम्र एक से नौ साल के बीच है और इन्हें पांच से सात दिन तक पृथकवास में रखने को कहा गया है.

अधिकारियों ने बताया कि किसी भी मरीज की हालत गंभीर नहीं है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है. इस महीने इसके पहले केरल के कोल्लम जिले में एचएफएमडी के 80 से अधिक मामले मिले थे, जिसके कारण पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु और कर्नाटक को सतर्कता बढ़ानी पड़ी थी.

क्या है टमाटर फ्लू?

टमाटर फ्लू एक अज्ञात बुखार है, जो अधिकांश रूप से केरल में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में पाया जा रहा है. इस फ्लू की चपेट में आने के बाद बच्चों के शरीर पर चकत्ते और छाले हो जाते हैं. आमतौर पर ये निशान लाल रंग के होते हैं, जिसके चलते इसे टमाटर फ्लू कहा जाता है.

क्या हैं इसके लक्षण?

इस बीमारी के मुख्य लक्षण चकत्ते, छाले होते हैं, जिनका रंग लाल होता है. मरीज में त्वचा संबंधी परेशानियां देखी जा रही हैं. सक्रमित बच्चों को तेज बुखार, बदन दर्द, जोड़ों में सूजन, थकान, पेट दर्द, उल्टी, दस्त, खांसी, छींकना और नाक बहने जैसी परेशानियां हो सकती हैं.

अभी तक की रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि, 'यह वायरस ज्यादा घातक नहीं है लेकिन इसका समय पर इलाज करना जरूरी है. अगर बताए गए लक्षण आपके बच्चे में नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.'