Surya Grahan 2020 Sutak: कब लगेगा सूर्य ग्रहण का सूतक, यहां जानें इस दौरान क्या करें और क्या नहीं, बरतें ये सावधानियां

ग्रहण के समय को अशुभ माना जाता है. इस समय को सूतक चरण कहते हैं. यह ग्रहण के समय से 12 घंटे पहले शुरू होता है. यहां, हम आपको सूतक काल के बारे में बताते हैं.

सूर्य ग्रहण (Photo Credits: Pixabay)

21 जून को साल 2020 का पहला सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) लग रहा है जो कई मायनों में खास है. इस दिन, सूरज लगभग पूरी तरह से चंद्रमा की छाया से ढक जाएगा. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. इसमें सूर्य का किनारे का गोलाकर भाग ही दिखाई देगा. इस दौरान ग्रहण देखने वाले लोगों को सूरज एक अंगूठी की तरह दिखाई देगा. इसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है. जो लोग खगोलीय घटनाओं को देखना और उनका अध्ययन करना पसंद करते हैं, यह उनके लिए एक बेहद ही रोमांचक घटना है.

सूर्यग्रहण एक समान्‍य खगोलीय घटना है, यह चंद्रमा (Moon) के पृथ्‍वी (Earth) और सूर्य (Sun) के बीच आने के कारण होती है. इस दौरान पृथ्‍वी पर चंद्रमा की छाया (Shadow) पड़ती है. जिस जगह यह छाया पड़ती है, वहां आंशिक रूप से अंधेरा हो जाता है. इसे सूर्यग्रहण कहते हैं. लेकिन ज्योतिषियों के मुताबिक इस ग्रहण का लोगों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है. कई लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है. यह भी पढ़ें- Solar Eclipse 2020: कोरोना संकट के चलते ब्रह्म सरोवर और सन्निहित सरोवर में भक्त नहीं लगा पाएंगे आस्था की डुबकी, कुरुक्षेत्र प्रशासन ने लगाया प्रतिबंध.

ग्रहण के समय को अशुभ माना जाता है. इस समय को सूतक चरण कहते हैं.  यह ग्रहण के समय से 12 घंटे पहले शुरू होता है. माना जाता है कि इस दौरान राहु, सूर्य व चंद्रमा का ग्रास कर लेता है, जिससे वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा अत्यधिक हावी रहती है. यहां, हम आपको सूतक काल के बारे में बताते हैं और सूर्य ग्रहण के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए यह भी जानकारी हम आपको बताएंगे.

सूर्य ग्रहण का समय

भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण सुबह 09.15 बजे (03:45 GMT) से होगी. यह ग्रहण दोपहर 12:10 बजे (06:40 GMT) चरम पर होगा और दोपहर 15:04 बजे (09:34 GMT) ग्रहण खत्म होगा. इस तरह से साल का पहले सूर्य ग्रहण की अवधि करीब 6 घंटे की होगी.

सूर्य गृहण सूतक के दौरान क्या करें और क्या न करें

ये कुछ ऐसी प्रथाएं हैं जिन्हें लोगों को सूर्य ग्रहण के दौरान पालन करने की सलाह दी जाती है. इन्हें मानना हर किसी की व्यक्तिगत मान्यताओं पर निर्भर करता है.

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