Summer Superfood: क्यों कहते हैं सत्तू को ‘ऊर्जा का पॉवरहाउस’? जानें सत्तू के कुछ औषधीय गुण!

उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में पारा 45 की डिग्री को क्रॉस करने लगा है. ऐसे में सूर्य की तेज रोशनी से बचने के साथ-साथ जरूरी है कि आप अपने खानपान में भी आवश्यक बदलाव लाएं. इन दिनों निर्जलीकरण पहली जरूरत हो गई है.

सत्तू

उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में पारा 45 की डिग्री को क्रॉस करने लगा है. ऐसे में सूर्य की तेज रोशनी से बचने के साथ-साथ जरूरी है कि आप अपने खानपान में भी आवश्यक बदलाव लाएं. इन दिनों निर्जलीकरण पहली जरूरत हो गई है. इस गर्म मौसम में खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी के साथ-साथ कुछ वैकल्पिक व्यवस्था भी रखें,जो आपकी निर्जलीकरण की व्यवस्था को सुचारू रखे, इन्ही विकल्पों में एक है सत्तू. कुछ शोधों ने इसे ‘ऊर्जा का पावर हाउस’ तक की संज्ञा दे डाली है. आइये जानते हैं सत्तू की विशिष्ठ खूबियों के बारे में, जो प्रचण्ड गर्मी पर अपनी शीतल छाया से राहत पहुंचा सकती हैं.

क्या है सत्तू?

सत्तू भारतीय उपमहाद्वीप का देशी खाद्य है, जो भुने जौ, मक्का या/और चने को पीस कर बनाया जाता है. तमाम पोषक एवं औषधीय तत्वों से युक्त यह एक सस्ता भोजन एवं पेय है. सत्तू में आयरन, सोडियम, फाइबर, प्रोटीन और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होता है. इसे पानी में नमक और नींबू के कुछ बूंदें मिलाकर पीते हैं, कुछ लोग गुड़ या शक्कर के साथ इसका सेवन करते हैं. सत्तू से तमाम किस्म के स्वादिष्ट एवं पौष्टिक व्यंजन भी बनाए जाते हैं. गांवों में सत्तू नमक को आटे की तरह गूंधकर लाल मिर्च के अचार से खाया जाता है. यह शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ अपने औषधीय गुणों से शरीर को विभिन्न प्रकार से लाभ पहुंचाता है. यह भी पढ़ें : Chanakya Niti: पशुओं के ये गुण स्त्री को सम्मोहित करने में सक्षम होते हैं! जानें क्या हैं वे गुण!

कब्जियत में सुधार लाता है

सत्तू में आयरन और फाइबर पर्याप्त मात्रा में होते हैं. सुबह-सवेरे खाली पेट सत्तू में नमक और नींबू के कुछ बूंद निचोड़ कर पेय रूप में पीने से पाचन तंत्र सुचारू रूप से काम करता है, और मल त्याग में आई अनियमितता को दूर करता है.

शरीर के अंदर के विषाक्त पदार्थों को दूर करता है

सत्तू एक विषहरण करने वाला तत्व है, जो शरीर के भीतरी भागों विशेषकर आंतों से विषाक्त पदार्थों को नष्ट करने में मदद करता है. यह कमजोर होते शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है और तमाम छोटी-मोटी शारीरिक समस्याओं से बचाता है.

मधुमेह पीड़ितों के लिए लाभकारी है

सत्तू में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. मधुमेह के रोगियों के लिए यह पौष्टिक एवं लाभकारी खाद्य है. गरमी के दिनों में सत्तू के नियमित सेवन से रक्तचाप नियंत्रित रहता है. इसमें फाइबर होने से उच्च कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए भी लाभकारी होता है.

मोटापा कम करता है

अगर आपका वजन जरूरत से ज्यादा है तो इसे कम करने के लिए प्रतिदिन सुबह खाली पेट सत्तू का सेवन शुरू करें, क्योंकि यह चयापचय को बढ़ाता है और कैलोरी को प्रभावशाली तरीके से जलाता है. सत्तू के सेवन से शरीर में आई सूजन कम होती है.

सत्तू शरीर को हाइड्रेट रखता है

सत्तू में उपस्थित तमाम तत्वों में कुछ ऐसे तत्व भी होते हैं, जो पूरे दिन शरीर को ठंडा और हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं. प्रतिदिन एक गिलास सत्तू का शरबत पीयें. यह शरीर के सिस्टम को ठंडा रखता है और अपच दूर करता है.

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