Sawan Shivratri Special 2025: श्रावण मास की मासिक शिवरात्रि पर निशिता काल में करें शिव पूजा, जीवन की हर मुश्किल होगी दूर

नई दिल्ली, 22 जुलाई : श्रावण मास की मासिक शिवरात्रि बुधवार को है. माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और और भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन सूर्य देव कर्क राशि में और चंद्र देव मिथुन राशि में रहेंगे. पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है और राहुकाल दोपहर के 12 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर 02 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. श्रावण मास की शिवरात्रि शिव भक्तों के लिए बेहद खास है. श्रावण चतुर्दशी मुहूर्त 23 की सुबह 4 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर 24 की सुबह 02 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.

हर माह की कृष्ण चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है, और इस दौरान शिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ जाता है. इस दिन भोलेनाथ की पूजा निशिता काल में की जाती है. मान्यता है कि कुंवारी लड़कियां मासिक शिवरात्रि का व्रत रखें तो महादेव की कृपा से उन्हें अच्छे वर की प्राप्ति होती है. वहीं, विवाहित महिलाएं इस व्रत को रखती हैं तो वैवाहिक जीवन बेहतर होता है. शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, इन्द्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता, पार्वती तथा रति ने भी शिवरात्रि का व्रत किया था. जो श्रद्धालु मासिक शिवरात्रि का व्रत करना चाहते हैं, वे इसे महाशिवरात्रि से आरम्भ करके एक वर्ष तक निरन्तर कर सकते हैं. यह भी पढ़ें : Sawan Pradosh 2025 Wishes: सावन प्रदोष की इन हिंदी Quotes, WhatsApp Messages, GIF Greetings के जरिए दें अपनों को शुभकामनाएं

मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से जीवन की मुश्किलें कम होती हैं. शिवरात्रि पूजन मध्य रात्रि के समय किया जाता है. मध्य रात्रि को निशिता काल के नाम से जाना जाता है तथा यह दो घटी के लिए प्रबल होती है. मासिक शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें. एक चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करें, गंगाजल से अभिषेक करें और बिल्वपत्र, चंदन, अक्षत, फल और फूल चढ़ाएं. भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र के जाप से भी लाभ मिलता है. 11 बार रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करें. शिवलिंग के सम्मुख बैठकर राम-राम जपने से भी भोलेनाथ की कृपा बरसती है.