Sanskrit Diwas 2024 Messages in Sasnkrit: शुभ संस्कृत दिवस! प्रियजनों संग शेयर करें ये संस्कृत Quotes, GIF Greetings और WhatsApp Wishes
पाणिनि को संस्कृत व्याकरण का जनक माना जाता है, उनकी रचना अष्टाध्यायी संस्कृत व्याकरण पर एक व्यापक ग्रंथ है, जिसका आज भी इस्तेमाल किया जाता है. पहला संस्कृत दिवस 1969 में मनाया गया था, जिसका विषय ‘संस्कृत: ज्ञान की भाषा’ रखा गया था. इस खास अवसर पर आप इन शानदार संस्कृत मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और वॉट्सऐप विशेज के जरिए प्रियजनों को शुभ संस्कृत दिवस कह सकते हैं.
Sanskrit Diwas 2024 Messages in Sasnkrit: विश्व संस्कृत दिवस (World Sanskrit Diwas) को अंतरराष्ट्रीय संस्कृत दिवस (International Sanskrit Diwas), संस्कृत दिवस (Sanskrit Diwas) और विश्व संस्कृत दिनम के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन प्राचीन भाषा संस्कृत के सम्मान में संस्कृत दिवस मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, इस साल 19 अगस्त 2024 को संस्कृत दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन का उद्देश्य भारत की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक संस्कृत के बारे में जागरूकता बढ़ाना है और उसका प्रचार-प्रसार करना है. संस्कृत भाषा का विशेष महत्व है, क्योंकि यह साहित्य, दर्शन, गणित और विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में शास्त्रीय ग्रंथों का आधार बनती है. विश्व संस्कृत दिवस के इतिहास की बात करें तो सन 1969 में भारत सरकार ने संस्कृत व्याकरणविद पाणिनि की 2500वीं जयंती पर श्रावण पूर्णिमा के दिन संस्कृत दिवस मनाने की घोषणा की थी.
पाणिनि को संस्कृत व्याकरण का जनक माना जाता है, उनकी रचना अष्टाध्यायी संस्कृत व्याकरण पर एक व्यापक ग्रंथ है, जिसका आज भी इस्तेमाल किया जाता है. पहला संस्कृत दिवस 1969 में मनाया गया था, जिसका विषय ‘संस्कृत: ज्ञान की भाषा’ रखा गया था. इस खास अवसर पर आप इन शानदार संस्कृत मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और वॉट्सऐप विशेज के जरिए प्रियजनों को शुभ संस्कृत दिवस कह सकते हैं.
राष्ट्रकुलानां धर्मधराणां ज्ञानवतां कल्याणी॥
तत्रापि काव्यं मधुरं तस्मादपि सुभाषितम्॥
अमृतवाणी संस्कृत भाषा नैव क्लिष्टा न च कठिणा ॥
विश्व संस्कृत दिवस हर साल हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस दिन सेमिनार, व्याख्यान और सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य संस्कृत के महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाने के साथ-साथ इसके अध्ययन और प्रयोग को बढ़ावा देना है. गौरतलब है कि संस्कृत दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है, जिसे कई आधुनिक भारतीय भाषाओं की जननी भी माना जाता है. इस भाषा का इतिहास काफी प्राचीन और समृद्ध रहा है.