Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने स्कूल परिसर में दे सकते हैं यह ओजस्वी भाषण!

देश भर में 73वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाने की तैयारियां चल रही हैं. गणतंत्र दिवस देश में ‘जनता के लिए, जनता के द्वारा, जनता के शासन की व्यवस्था सुनिश्चित करने’ वाला राष्ट्रीय पर्व है. देश का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते संभवतया आपको भी एक स्पीच देने के लिए आमंत्रित किया जाये.

गणतंत्र दिवस 2023 (Photo Credits: File Image)

देश भर में 73वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाने की तैयारियां चल रही हैं. गणतंत्र दिवस देश में ‘जनता के लिए, जनता के द्वारा, जनता के शासन की व्यवस्था सुनिश्चित करने’ वाला राष्ट्रीय पर्व है. देश का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते संभवतया आपको भी एक स्पीच देने के लिए आमंत्रित किया जाये. आपको यह आमंत्रण आपके कार्यालय, आपकी सोसायटी अथवा उस स्कूल से प्राप्त हो सकता है, जहां आपने स्कूली-शिक्षा ग्रहण की. अगर ऐसा मौका मिलता है, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं. आपके लिए यहां गणतंत्र दिवस पर आधारित एक ओजस्वी भाषण प्रस्तुत है, इसे आप कंठस्थ कर लें. हमें उम्मीद है कि इस भाषण को आप जोश और प्रेम के साथ पढेंगे तो आपका तालियों के साथ अभिनंदन किया जायेगा. जो आपको एक राष्ट्रप्रेमी के तौर पर गौरवान्वित करेगा. आइये जानें क्या है गणतंत्र दिवस का यह स्पीच...

माननीय अतिथि महोदय, प्रधानाचार्य, शिक्षक गण एवं मेरे प्यारे साथियों, सर्वप्रथम आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.... मैं आप सभी का आभारी हूं कि इस शुभ अवसर पर आप सभी ने मुझे ये मौका दिया कि गणतंत्र दिवस की 73 वीं वर्षगांठ पर आप सबके समक्ष अपने विचार, अपनी बात रख सकें. आज का शुभ दिन उन क्रांतिकारियों के त्याग, शौर्य एवं बलिदान की अमर गाथाओं को याद करने का दिन है, जिनके कारण आज हम यहां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं. यह भी पढ़ें : Subhash Chandra Bose Jayanti 2023 Quotes: सुभाष चंद्र बोस जयंती पर उनके इन 10 क्रांतिकारी व महान विचारों को करें अपनों संग शेयर

साथियों, अकसर बच्चों के मन में यह सवाल कौंधता है कि 15 अगस्त को हम स्वाधीनता दिवस मनाते हैं, तो गणतंत्र दिवस मनाने की क्या आवश्यकता? बच्चों आपको बता दूं कि 15 अगस्त 1947 के दिन हमें ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिली थी, लेकिन हमारे स्वतंत्र भारत का अपना कानून, अपनी नीतियां नहीं थीं. हम अंग्रेजों के बनाए कानून पर देश का संचालन कर रहे थे, जिसके अधिकांश हिस्से भारत और भारतीयों के खिलाफ थे. आजादी मिलने के बाद हमने अपना संविधान बनाया. इसका निर्माण बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के निर्देशन में किया गया. 2 साल 11 महीने और 18 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद प्रारूप समिति द्वारा 26 नवंबर 1949 को हमारा अपना संविधान बनकर तैयार हुआ. इस दिन की महत्ता को देखते हुए 26 नवंबर को भारतीय संविधान दिवस/राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता है.

साथियों आपको बता दूं कि हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जिसमें 395 अनुच्छेद एवं 8 अनुसूचियां थीं. इस भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 में देश भर में लागू किया गया. 26 जनवरी की तारीख इसलिए चुनी गयी थी, क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था.

आपको बता दूं कि हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा ही नहीं बल्कि सर्वश्रेष्ठ संविधान है. हमारे संविधान में अन्य देशों के संविधान की अच्छी बातों का भी अनुसरण किया गया है. उदाहरणार्थ हमने संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से, मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से, मौलिक कर्तव्य पूर्व सोवियत संघ से, राज्य के नीति निर्देशक अंश आयरलैंड के संविधान और संशोधन प्रक्रिया साउथ अफ्रीका से लिया है.

हमारा संविधान एक ऐसा राजकीय दस्तावेज है, जो हमें बताता है कि भारत सरकार कैसे काम करती है और इस देश के नागरिकों के क्या अधिकार और कर्तव्य है. यह दस्तावेज हमें एक जिम्मेदार भारतीय बनाता है. हम सभी को अपने देश के इस पवित्र संविधान का सम्मान करना चाहिए.

साथियों हमें उम्मीद है कि आज के दिन गणतंत्र दिवस मनाने का मकसद आपको समझ में आया होगा, इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात को विराम देना चाहूंगा. चलते-चलते मैं चाहूंगा कि दो पंक्ति के इस गीत को आप सभी हमारे साथ गुनगुनाएं

आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये;

अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाये।

अपना 73वां गणतंत्र दिवस खुशी से मनायेगे;

देश पर कुर्बान हुए शहीदों पर श्रद्धा सुमन चढ़ायेंगे।

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