Vinayak Chaturthi 2019: कल 10 मार्च को है विनायक चतुर्थी, जानें व्रत कथा और पूजा विधि
भगवान गणेश बुद्धि और समृद्धि के देवता हैं. इनकी पूजा और व्रत से बुद्धि और समृद्धि की प्राप्ति होती है. भगवान गणेश अपने भक्तों के सारे दुख हर लेते हैं इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता भी कहते हैं. महीने में दो दिन संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रख पूजा आराधना से भगवान गणेश को प्रसन्न कर सकते हैं...
भगवान गणेश बुद्धि और समृद्धि के देवता हैं. इनकी पूजा और व्रत से बुद्धि और समृद्धि की प्राप्ति होती है. भगवान गणेश अपने भक्तों के सारे दुख हर लेते हैं इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता भी कहते हैं. महीने में दो दिन संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रख पूजा आराधना से भगवान गणेश को प्रसन्न कर सकते हैं. मार्च महीने में आनेवाली विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखने से सारी इच्छाओं की पूर्ति होती है. इस दिन व्रत रखने के बाद विधि विधान से पूजा करने से मन चाहे फल की प्राप्ति होती है. कल 10 मार्च को विनायक चतुर्थी है.
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर चंद्र मास में दो चतुर्थी होती है. हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि है. अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्णपक्ष चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. विनायक चतुर्थी का व्रत हर महीने होता है. लेकिन मुख्य विनायक चतुर्थी का व्रत भाद्रपद के महीने में होता है. भाद्रपद में पड़ने वाली चतुर्थी को गणेश चतुर्थी कहते है. गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.
यह भी पढ़ें: Sankashti Chaturthi 2019: संकष्टी चतुर्थी पर‘श्वेतार्क’ से करें पूजा, भगवान गणेश पूरी करेंगे हर मनोकामना
पूजा विधि: सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्म के बाद स्नान करें. लाल रंग के कपड़े धारण करें. तत्पश्चात श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं और ‘ॐ गं गणपतयै नम:’ का जाप करें.
शुभ मुहूर्त: 10 मार्च 11:21 से 13:41 बजे
शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा का पाठ करें. पाठ के बाद श्री गणेश की आरती करें और शाम के समय भोजन ग्रहण करें. विधि विधान से विघ्नहर्ता गणेश की पूजा करने से सभी दुखों का नाश हो जाता है.