विदेश यात्रा में आ रही हैं रुकावटें तो करें ये अचूक और आसान उपाय!
सात समंदर पार जाने की इच्छा किसे नहीं होती. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ ना कुछ अड़चने आ ही जाती हैं. अगर आपकी भी ऐसी कुछ ख्वाहिशें हैं, और आपकी कोशिशें व्यर्थ हो रही हैं तो यहां कुछ टिप्स दिये जा रहे हैं, इन टिप्स को अपनाएं उम्मीद है आपकी मंशा अवश्य पूरी हो सकती है.
सात समंदर पार जाने की इच्छा किसे नहीं होती. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ ना कुछ अड़चने आ ही जाती हैं. अगर आपकी भी ऐसी कुछ ख्वाहिशें हैं, और आपकी कोशिशें व्यर्थ हो रही हैं तो यहां कुछ टिप्स दिये जा रहे हैं, इन टिप्स को अपनाएं उम्मीद है आपकी मंशा अवश्य पूरी हो सकती है. यह भी पढ़ें: सपने में खाना मांगते अथवा खिलाते देखना क्या संकेत देता है? जानें इस संदर्भ में क्या कहता है स्वप्न शास्त्र?
* विदेश यात्रा को सबसे ज्यादा बृहस्पति ग्रह प्रभावित करता है. इसकी दशा प्रतिकूल होने पर तमाम कोशिशों के बावजूद आपकी विदेश यात्रा में रुकावटें आती है. गुरु ग्रह को प्रबल करने के लिए क्षमतानुसार शहद, पीला अन्न, पीला वस्त्र, पीला फूल, हल्दी, पुस्तक, पुखराज, सोना में से किसी एक या दो वस्तु दान करें. इसके अलावा पुखराज भी पहन सकते हैं. इसके लिए किसी योग्य ज्योतिषाचार्य की सलाह जरूर लें.
* विदेश यात्रा की कामना पूर्ति हेतु अखंड लक्ष्मी साधना का प्रयोग करें. किसी बुधवार के दिन से शुरू करें. प्रातः स्नान-ध्यान से शुद्ध होकर पूर्व दिशा में किसी पात्र में अखंड लक्ष्मी यंत्र रखें. यंत्र की जल एवं दूध से शुद्धि करें, इस पर केसर का तिलक लगाएं. अब स्फटिक की माला से निम्न मंत्र का जाप 11 माला तक करें. यह कार्य निरंतर तीन दिनों तक करें. कार्य सिद्धि के पश्चात यंत्र को लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रख दें.
* लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर मां लक्ष्मी की मूर्ति पश्चिम दिशा की ओर स्थापित करें. प्रतिमा के समक्ष धूप-दीप प्रज्वलित करें. निम्न मंत्र का जाप करें.
ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:
अब एक शंख पर रोली से स्वास्तिक का निशान बनाएं. माँ लक्ष्मी को सिंदूर, रोली, इत्र, पान, सुपारी, लाल कमल का पुष्प अर्पित करें. प्रसाद में मिठाई एवं फल चढ़ाएं. अब स्पास्टिक की माला से निम्न मंत्र 108 जाप करें.
ॐ अनंग वल्लाभाये विदेश गमनार्थ कार्य सिध्यर्थे नम:
पांच दिन में न्यूनतम 11000 और अधिकतम 24000 जाप करें. अनुष्ठान पूरा होने के पश्चात शंख को साफ, शुद्ध और नए कपड़े में लपेट कर घर के किसी अज्ञात स्थान पर छिपा कर रख दें.
* बृहस्पतिवार से आरंभ करके तुलसी की माला पर प्रतिदिन निम्न मंत्र का जाप करें.
अनन्याश्चितयंतो माये जनापयर्पासने.
नेषा नित्या मियुक्तानां योगक्षेम वहांम्यहम्।।
कम से कम पांच बृहस्पतिवार तक यह जाप करें.विजय मिल जाए तो माला को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करें.
कार्य सिद्ध होने के पश्चात तुलसी की माला को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें.
* बुधवार से कबूतरों को बाजरा देना शुरू करें. इसके बाद निरंतर 49 दिन तक कबूतर को बाजरा खिलाते रहें, कार्य सिद्धी की संभावना है.
* किसी एक मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में जाकर दर्शन करें औऱ उन्हें लड्डू का भोग चढाएं. वहीं बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें. 11 मंगलवार निरंतर यह उपाय करें, लाभ प्राप्त होगा.