हिंदू धर्म में गुरूवार का दिन भगवान बृहस्पति और श्री हरी को समर्पित है. इस दिन व्रत करने से पैसे संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. लेकिन इस दिन व्रत रखने के बहुत सारे नियम हैं, जिनका पालन करना बहुत ही जरुरी है. गुरूवार के दिन जो जातक व्रत रखता है, उसके साथ- साथ पूरे परिवार को उन नियमों का पालन करना पड़ता है. इस दिन व्रत रखने वाले जातक को सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर पीले कपड़े धारण करने पड़ते हैं. उसके बाद विधि विधान से भगवान विष्णु और बृहस्पति की पूजा करनी पड़ती है. गुरूवार का व्रत रखने वाले जातक का परिवार इस दिन साबुन इस्तेमाल नहीं कर सकता है. इस दिन केले के पेड़ की पूजा और पीले रंग का बिना नमक का फलाहार करना पड़ता है. यह भी पढ़ें: आखिर लोग पैर में काला धागा क्यों बांधते हैं, रहस्य जानकर चौंक जाएंगे आप
गुरूवार का व्रत बहुत ही कठिन है क्योंकि इस व्रत में बहुत से नियमों का पालन जातक के साथ-साथ परिवार को भी करना पड़ता है. अगर इस व्रत में कोई चूक हो जाती है तो बृहस्पति भगवान के प्रकोप का सामना करना पड़ता है. ये तो हो गई गुरूवार के व्रत की बात, इसके अलावा कुछ काम ऐसे भी हैं जिन्हें गुरूवार को भूलकर भी नहीं करना चाहिए. आज हम आपको कुछ ऐसी चीजें बताएंगे जिन्हें भूलकर भी नहीं करनी चाहिए.
बाल काटने और दाढ़ी बनाने से बचें: गुरूवार के दिन शादीशुदा महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए इसका असर पति के स्वास्थ्य पर पड़ता है. इस दिन पुरुषों को भी दाढ़ी और बाल नहीं काटने चाहिए, ऐसा करने से संपत्ति की हानि होती है और गुरु ग्रह कमजोर होता है. गुरुवार का दिन गुरु ग्रह को समर्पित होता है जिसे वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है.
कपड़े धोने और साबुन लगाने से बचें: गुरुवार के दिन साबुन से स्नान करने और कपड़े धोने से बचना चाहिए. इस दिन पोछा भी नहीं लगाना चाहिए.
काले रंग के कपड़े न पहनें: गुरूवार के दिन काले कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है, इस दिन पीले कपड़े धारण करने चाहिए, पीले कपड़े पहनने से सकारात्मक एनर्जी का संचार होता है.
नाखून नहीं काटने चाहिए: कहा जाता है कि गुरूवार के दिन नाखून काटने से घर में दरिद्रता आती है और आर्थिक घाटा होता है. गुरूवार को नाखून काटने से कुंडली में दोष पड़ता है.
गुरुवार के दिन सुबह स्नान कर भगवान बृहस्पति देव की पूजा करें. पूजा में पीले फूल, चने की दाल, मुनक्का और पीले रंग की मिठाई और पीले चावल चढ़ाएं. इस दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है और उसकी आरती भी की जाती है. व्रत के दिन शाम को बिना नमक का फलाहार करना चाहिए.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके अलावा इस लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह कारगर से होंगे या नहीं इसका भी हम कोई दावा नहीं करते हैं.













QuickLY