Rajguru Birth Anniversary 2022 HD Images: वीर राजगुरु की 114 वीं जयंती पर अपने दोस्तों को ये इमेजेस WhatsApp Stickers, GIF Greetings के जरिए भेजकर करें उन्हें याद
Rajguru Birth Anniversary 2022 (Photo Credits: File Image)

Rajguru Birth Anniversary 2022 HD Images: शिवराम राजगुरु एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने भारत की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कम ही लोग जानते हैं कि उनका पूरा नाम हरि शिवराम राजगुरु था. वह पुणे के एक मराठी ब्राह्मण परिवार से थे. राजगुरु का जन्म 24 अगस्त 1908 को पुणे के खेड़ गांव में हुआ था. उन्होंने बचपन से ही अंग्रेजों के अत्याचारों को देखा था. इसने उन्हें जल्दी आंतरिक क्रोध और वापस लड़ने की ताकत दी. इसलिए, उनके समर्पण और देशभक्ति ने उन्हें एक भारतीय क्रांतिकारी बना दिया. यह भी पढ़ें: World Water Week 2022: कब शुरू हो रहा है विश्व जल सप्ताह? जानें इसका इतिहास, महत्व, उद्देश्य तथा कुछ रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियां

वह मुख्य रूप से एक ब्रिटिश राज पुलिस अधिकारी सॉन्डर्स की हत्या में शामिल होने के लिए जाने जाते हैं. राजगुरु के पिता की मृत्यु केवल 6 वर्ष की आयु में हो गई थी. उन्होंने पूना में 'न्यू इंग्लिश हाई स्कूल' से अपनी शिक्षा पूरी की. राजगुरु 'सेवा दल' में शामिल हुए. उन्होंने घाटप्रभा में 'सेवा दल' के प्रशिक्षण शिविरों में भाग लिया था. जिसका संचालन डॉ. एन. एस. हार्डिकर ने किया, जो सेवा दल के संस्थापक भी थे.

वह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के सदस्य थे. यह उन लोगों का एक संघ था जो उत्सुकता से चाहते थे कि भारत ब्रिटिश शासन से मुक्त हो जाए. 5.राजगुरु जल्द ही स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह और सुखदेव के सहयोगी बन गए. उनके साथ उनके जुड़ाव ने 17 दिसंबर, 1928 को लाहौर में जॉन सॉन्डर्स नाम के ब्रिटिश राज अधिकारी की हत्या में भाग लिया. उसे मारकर उन्होंने लाला लाजपतराय की मृत्यु का बदला लिया. उनकी जयंती पर आप नीचे दिए गए HD Images, Wallpapers WhatsApp Stickers के जरिए भेजकर राजगुरु को याद कर सकते हैं.

Rajguru Birth Anniversary 2022 (Photo Credits: File Image)
Rajguru Birth Anniversary 2022 (Photo Credits: File Image)
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Rajguru Birth Anniversary 2022 (Photo Credits: File Image)
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23 मार्च, 1931 को, तीनों महान स्वतंत्रता सेनानियों, राजगुरु, भगत सिंह और सुखदेव को ब्रिटिश सरकार ने लाहौर में फांसी पर लटका दिया. उनकी मृत्यु के समय राजगुरु केवल 22 वर्ष के थे. पंजाब के फिरोजपुर जिले में सतलुज नदी के तट पर हुसैनीवाला में उनका अंतिम संस्कार किया गया। महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस (शहीद दिवस) के रूप में मनाया जाता है.