Persian New Year 2020: इन लजीज पकवानों के साथ मनाए नवरोज, जानें घर में बनाने की आसान रेसिपी

20 मार्च को पारसी समुदाय के लोग नया साल मना रहे हैं. पारसी के नववर्ष को नवरोज (Nowruz) कहा जाता है. इस दिन खीने का अपना ही महत्व होता है. जानें इस दिन घर में बनाने के लिए तरह-तरह के डिश की रेसिपी...

नवरोज रेसिपी (Photo Credits: WikiCommons)

Nowruz Recipes: 20 मार्च को पारसी समुदाय के लोग नया साल मना रहे हैं. पारसी के नववर्ष को नवरोज (Nowruz) कहा जाता है. नव मतलब 'नया' और रोज़ मतलब 'दिन'. पारसियों के साथ-साथ यह ईरानियों का भी नया साल होता है. पूरे दुनिया भर में इसे धूम-धाम से मनाया जाता है. पारसी कैलेंडर (Parsi Calendar) के पहले महीने की पहली तारीख यानी नवरोज (Nowruz) का जश्न मनाने के लिए इस समुदाय के लोग काफी पहले से ही तैयारियों में जुट जाते हैं. पारसियों और ईरानियों के लिए यह दिन काफी खुशी भरा होता है. भारत में महाराष्ट्र और गुजरात में पारसी समुदाय के लोग ज्यादा रहते हैं इसलिए यहां नवरोज का अपना अलग ही क्रेज रहता है.

इस दिन खाने का भी अपना अलग ही महत्व होता है. इस दिन लोग घर में ही तरह-तरह के डिश बनाते हैं. हाफ्ट सिन टेबल (Haft-Sin table) को 7 चीजों से सजाया जाता है, जिनका नाम 'S' से ही शुरू होता है. यह है टेबल को सजाने वाली चीजों की पूरी लिस्ट- सबजेह (गेहूं, जौ, मूंग), समानु (मीठा), सेनजेड (पारसी ड्राई फ्रूट), सेरके (सिरका), सीब (सेव), सीर (लहसुन) और सोमाक (सुमैक). अगर आप नवरोज को अच्छे खाने के साथ सेलिब्रेट करना चाहते हैं तो हम आपके लिए रेसिपी लेकर आए हैं...

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हाफ्ट मेवा

हाफ्ट सिन, हाफ्ट मेवा के बिना अधूरा है. यह सात फलों- हार-लाल किशमिश, बादाम, पिसता, अखरोट, ड्राई खुबानी, बैरी का बना होता है. देखें रेसिपी वीडियो...

समानु

इसे समानक, सुमिलीक सुमानक के नाम से भी जाना जाता है. यह एक तरह का पेस्ट होता है, जिसे अंकुरित गेहूं से बनाया जाता है. इसे नवरोज में सर्व किया जाता है. देखें रेसिपी वीडियो...

अफगानी कुल्चा

यह आपके नवरोज के लिए परफेक्ट कुकीज़ हो सकता है. इसे आप आसानी से बना सकते हैं. देखें रेसिपी वीडियो...

गौरतलब है कि पारसी समुदाय के लोग देश के सबसे कम आबादी वाले अल्पसंख्यक समुदायों में से एक हैं, बावजूद इसके उन्होंने अपनी सालों पुरानी परंपरा और सभ्यता को बरकरार रखा है. नवरोज जैसे त्योहार के जरिए उन्होंने अपनी परंपरा को जीवित रखा है.

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