Monsoon Diet: खाने में इन 5 चीजों का इस्तेमाल कर इम्यूनिटी बढ़ायें. ताकि मॉनसूनी बीमारियों का सामना कर सकें!

उत्तर भारत में गरम हवाएं कहर बरपा रही हैं. मौसम विभाग की मानें तो अगले 7 से 8 दिनों में वर्षा ऋतु आगाज का आगाज हो सकता है. इससे तपती गरमी से तो निजात मिलेगी, लेकिन बारीश के आगमन के साथ-साथ बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (immunity) कमज़ोर हो जाती है, जिसके कारण छोटी-मोटी बीमारियां मसलन बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम, पेट की बीमारियां, डेंग्यू एवं मलेरिया आदि अपना प्रकोप दिखाने लगते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

उत्तर भारत में गरम हवाएं कहर बरपा रही हैं. मौसम विभाग की मानें तो अगले 7 से 8 दिनों में वर्षा ऋतु आगाज का आगाज हो सकता है. इससे तपती गरमी से तो निजात मिलेगी, लेकिन बारीश के आगमन के साथ-साथ बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (immunity) कमज़ोर हो जाती है, जिसके कारण छोटी-मोटी बीमारियां मसलन बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम, पेट की बीमारियां, डेंग्यू एवं मलेरिया आदि अपना प्रकोप दिखाने लगते हैं. हमें समय रहते इऩसे मुक्ति पाने की कोशिश करनी चाहिए. इस दिशा में गुरुग्राम की आहार एवं पोषण विशेषज्ञ (Dietitian & Nutritionist) शिल्पा यहां मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दे रही हैं. उनके अनुसार आइये जानें हमें किन 5 वस्तुओं का सेवन करना चाहिए.

* खड़े गरम मसाले

अकसर लोग गरम मसालों का सेवन करने से मना करते हैं, लेकिन मॉनसून के दरम्यान रसोई घर में सभी तरह के खड़े गरम मसाले अवश्य रखें. इनमें हल्दी, ज़ीरा, मेथी दाना, अदरक, लहसुन, लौंग, दालचीनी, कड़ी पत्ता, तुलसी, काली मिर्च इत्यादि प्रमुख हैं. इनमें कई तरह के पोषण तत्व होते हैं. ज्यादातर मसाले प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन-ए, विटामिन बी-6, सोडियम, पोटैशियम, कैल्सियम आयरन और मैग्नीशियम जैसे खनिजों के प्रचुर स्त्रोत होते हैं. लेकिन खड़े मसालों का ही इस्तेमाल करना बेहतर होगा, खड़े मसालों शुद्ध होते हैं. इनका इस्तेमाल खाना बनाने, सूप, चाय या काढ़ा बनाते समय करें, लेकिन इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि इनका इस्तेमाल संतुलित मात्रा में करें, वरना ये नुकसान पहुंचा सकते हैं.

* सूखे मेवे और बीज

डायटीशियन शिल्पा के अनुसार सुबह की शुरुआत ड्राई फ्रूट से करने से लॉन्ग टर्म में यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है. सूखे मेवे में ताजे फलों की अपेक्षा अधिक पौष्टिक तत्व होते हैं. उनमें आवश्यक विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में उपस्थित होते हैं, जो मानसूनी बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद करते हैं. प्रतिदिन एक मुट्ठी सूखे मेवे मसलन बादाम, अखरोट, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, कद्दू बीज, पिस्ता, किशमिश नियमित रूप से खाना चाहिए. लेकिन इनका सेवन बहुत संतुलित मात्रा में करना चाहिए, वरना ये फायदे के बजाय नुकसान पहुंचा सकते हैं.

* ओरेगैनो

ओरेगेनो एक गुणकारी पौधा है. इसमें कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं. जैसे विटामिन ए, विटामिन-सी और विटामिन-ई. ये विटामिन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं. इनका इस्तेमाल व्यंजनों के साथ-साथ आयुर्वेदिक उपचार में भी किया जाता है. इसके शक्तिशाली एंटी फंगल तत्वों के कारण इसका सेवन ज़रूर करना चाहिए. बारीश के दिनों में सीलन और मायस्चराइजर के कारण फंगल इंफेक्शन होने का ख़तरा ज़्यादा होता है. अब चूंकि इन दिनों ब्लैक फंगस की बीमारी निरंतर महामारी का रूप लेती जा रही है, ऐसे में ओरेगैनो की चाय लाभदायक होती है. इन्हें सलाद के रूप में भी खाया जाता है. गरम पानी के साथ इनका नियमित इस्तेमाल करने से बलग़म और कफ को ढीला करता है. यह भी पढ़ें : Lucky Foods For 2019: नए साल में खाएंगे ये चीजें तो चमक जाएगी आपकी किस्मत, कामयाबी चूमेगी कदम

* क्रूसीफायर सब्ज़ियां

शिल्पा बताती हैं, -पत्ता गोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली और मूली जैसी सब्ज़ियों का सेवन करने से शरीर में सूजन को नियंत्रित करती हैं. ये सब्जियां शक्तिशाली इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में कार्य करती हैं. लेकिन इनका इस्तेमाल करने से पूर्व इन्हें गुनगुने पानी से एक बार अवश्य धो लेना चाहिए. विशेषरूप से अगर आपको इसके गोइट्रोजेनिक प्रभाव के कारण थायरॉयड है, तो आप इनकी सब्ज़ी बनाने के साथ-साथ सूप बना सकती हैं अथवा नमक मिलाकर फ्राई करके भी खाया जा सकता है.

गरमा-गरम सूप

डायटीशियन शिल्पा बताती हैं, मॉनसून के दिनों में गरमा-गरम सूप सभी को पीना चाहिए. इऩमें सीताफल, टमाटर, मोरिंगा, हरी मटर, ब्रोकली, चुकंदर, मिक्स्ड वेज के साथ सूप बनाया जा सकता है. बरसात के दिनों में पालक का सूप का इस्तेमाल कम ही करें तो अच्छा होगा. विटामिन सी और बीटा कैरोटीन की हाई सांद्रता की वजह से कद्दू शानदार इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है. इसे बनाते इसमें लहसुन और अदरक ज़रूर डालें, क्योंकि ये दोनों हाई एंटी-इंफ्लामेट्री होती हैं. खासतौर पर लहसुन एक एंटीबायोटिक और एंटीफंगल का काम करता है.

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