Mokshada Ekadashi 2018: इस दिन व्रत रखने से मिलता है मोक्ष, जानें पूजा विधि और मंत्र

प्राचीन मान्यता के अनुसार मोक्षदा एकादशी के ही दिन भगवान श्री कृष्ण ने युद्ध से पहले कुरुक्षेत्र में अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था. इसलिए आज एक दिन को गीता जयन्ती के रूप में भी मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन गीता पढ़ना बेहद पुण्यदायी है

Mokshada Ekadashi 2018: इस दिन व्रत रखने से मिलता है मोक्ष, जानें पूजा विधि और मंत्र
भगवान विष्णु ( Wikimedia Commons )

मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2018)  का व्रत मार्गशीर्ष मास में शुक्ल एकादशी को रखा जाता है. इसे वैकुंठ एकादशी (vaikunta ekadasi 2018 ) के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि आज के दिन भगवान विष्णु का दामोदार नाम से पूजन किया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यही कारण हैं कि इसे मोक्षदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस एकादशी तिथि की शुरुवात 18 दिसम्बर को प्रातः 7 बजकर 58 मिनट से 19 दिसम्बर को प्रातः 7 बजकर 35 मिनट तक रहेगी.

प्राचीन मान्यता के अनुसार मोक्षदा एकादशी के ही दिन भगवान श्री कृष्ण ने युद्ध से पहले कुरुक्षेत्र में अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था. इसलिए आज एक दिन को गीता जयन्ती के रूप में भी मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन गीता पढ़ना बेहद पुण्यदायी है. मोक्ष की इच्छा रखने वाले लोगों को आज के दिन मोक्षदा एकादशी व्रत रखने की सलाह दी गई है. इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की आराधना की जाती है.

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ऐसे करें व्रत तथा पूजन-

ब्रह्म मुहूर्त में इस दिन उठकर भगवान का मनन करते हुए सबसे पहले व्रत का संकल्प करें. उसके बाद घर में बने मंदिर या फिर किसी अन्य मंदिर में पूजा प्रारंभ करने की शुरुवात गंगा जल से पवित्र कर कुश के आसन पर बैठकर पूजा प्रारम्भ करें. भगवान विष्णु की पूजा करते समय घी का दिया जलाएं और मनपूर्वक करें. इस दिन आप फलाहारी उपवास रख सकते हैं.

इस मंत्र का करें जाप 

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें

शुभ मुहूर्त

आज मोक्षदा एकादशी शाम 07:57pm से शुरू होगी और 19 दिसंबर 2018 की शाम 07:35pm पर समाप्त होगी.


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