Kharmas 2024-25: आज रात इस समय से लग रहा है खरमास! इस दौरान क्यों नहीं होते शुभ कार्य? खरमास में क्या करें क्या न करें!
हिंदू धर्म में खरमास का बहुत महत्व है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार खरमास जिसे मलमास भी कहते हैं, इस दौरान कोई भी शुभ अथवा नया कार्य शुरू करना वर्जित माना जाता है.
Kharmas 2024-25: हिंदू धर्म में खरमास का बहुत महत्व है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार खरमास जिसे मलमास भी कहते हैं, इस दौरान कोई भी शुभ अथवा नया कार्य शुरू करना वर्जित माना जाता है. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार जब सूर्य वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश करता है, से लेकर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने तक खरमास की अवधि होती है.
इसके पश्चात सभी शुभ-मंगल कार्य शुरू हो जाते हैं. इस वर्ष 2024 में, 15 दिसंबर 10.19 PM से खरमास काल शुरू हो जाएगा, और अगले वर्ष 14 जनवरी, 2025 को इसकी समाप्ति की उम्मीद है. यहां हम जानेंगे कि खरमास काल में शुभ कार्य क्यों वर्जित होते हैं, तथा इस काल में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. ये भी पढ़े:Kharmas 2024: कब शुरू हो रहा है खरमास! इस माह क्यों नहीं होते शुभ कार्य, साथ ही जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा!
क्या है खरमास और क्यों वर्जित होते हैं इस दौरान शुभ कार्य?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार खरमास काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं, क्योंकि सूर्य जब धनु और मीन राशि में प्रवेश करता है, तब सूर्य की स्थिति कमजोर हो जाती है. इस अवधि को ‘गुर्वादित्य’ के नाम से जाना जाता है, और किसी भी शुभ कार्य के लिए प्रतिकूल माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार इस दौरान किये कार्यों की सफलता संदिग्ध होती है, क्योंकि हिंदू मान्यताओं के अनुसार सूर्य जो सभी ग्रहों का नेतृत्व करता है, धनु या मीन राशि में प्रयाण के बाद उसकी सकारात्मकता कम होने से सभी ग्रह प्रतिकूल प्रभाव छोड़ते हैं, इसलिए शुभ कार्यों के लिए सूर्य की स्थिति मजबूत होना आवश्यक होता है.
खरमास काल में यह कार्य करें!
* खरमास काल में श्री राम कथा, भागवत कथा अथवा शिव पुराण का पाठ करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
* इस माह किसी एक दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करना श्रेयस्कर होता है.
* खरमास काल में उपवास एवं ध्यान आदि करने से तन और मन स्वस्थ रहता है.
* खरमास काल में गंगा, यमुना, नर्मदा अथवा शिप्रा नदी में स्नान करें, सूर्य एवं श्रीहरि की पूजा-अर्चना करना चाहिए.
* घर में सुंदरकाण्ड अथवा श्रीरामचरितमानस का पाठ करना चाहिए.
* पवित्र स्थानों यानी तीर्थ यात्रा करना चाहिए.
यह कार्य न करें!
* खरमास काल में शुभ विवाह, तिलकोत्सव, गृह प्रवेश, भूमि पूजन अथवा नया कार्यालय या कारखाने ना शुरू करें.
* किसी वृद्ध व्यक्ति, भिक्षुक या पशु-पक्षी को परेशान न करें.
* मांसाहार, शराब आदि के सेवन से बचें
* किसी के साथ दुर्व्यवहार अथवा अभद्र भाषा का प्रयोग न करें.
* नया वाहन या घर की खरीदारी ना करें.
* इस दौरान कर्ज ना लें और ना ही किसी को दें,