मान्यता है कि जो भी व्यक्ति प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश की श्रद्धापूर्वक पूजा-अनुष्ठान करता है, गणपति की कृपा से उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं, तथा घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है. हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार गणेशजी अपने भक्तों की आस्था और श्रद्धा से प्रसन्न होकर पल भर में भक्त की झोली खुशियों से भर देते हैं, लेकिन वहीं एक मान्यता यह भी है कि गणपति की पूजा-प्रतिष्ठान एवं स्थापना में किंचित भूल या गलती होने से वे कुपित भी शीघ्र हो जाते हैं. चूंकि बुधवार श्रीगणेश को समर्पित दिन माना गया है, इसलिए बुधवार को श्रीगणेश की प्रतिमा खरीदने, स्थापित एवं पूजा-अर्चना के समय विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए. हमारे ज्योतिषाचार्य रवींद्र पाण्डेय के अनुसार गणेशजी की स्थापना एवं अर्चना में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
* अगर घर में गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करने जा रहे हैं, तो नियमित रूप से प्रतिदिन उनकी पूजा-अर्चना अवश्य होनी चाहिए. अगर किसी वजह से ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है तो घर में मूर्ति स्थापित न करें.
* गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करते समय उनके दायें-बाएं ऋद्धि-सिद्धी को भी जरूर रखें, रिद्धि-सिद्धी की प्रतिमा उपलब्ध नहीं हो पा रही है तो दो सुपारी को रिद्धि-सिद्धी का प्रतीक मानकर उनकी पूजा की जा सकती है. यह भी पढ़ें : World Aids Day 2021: कब है विश्व एड्स दिवस? जानें एड्स का पहला मरीज कौन था और क्या है इस दिवस विशेष को मनाने का उद्देश्य?
* घर में भगवान गणेश की बैठी मुद्रा में और दुकान या ऑफिस में खड़े गणपति की मूर्ति रखना शुभ माना जाता है, दोनों ही मुद्रा में उनका हाथ आशीर्वाद देते हुए होना अनिवार्य है.
* घर में किसी भी देवी-देवता की प्रतिमा की स्थापना से पूर्व धर्मशास्त्रों के अनुसार मूर्ति के आकार का एक तय मानक है. इसके अनुसार गणेशजी की प्रतिमा की लंबाई अधिकतम 18 सेमी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
* यदि आप चाहते हैं कि आपके घर में सभी कार्य मंगलमय हो तो आपको सिंदूरी रंग के गणपति की आराधना करनी चाहिए. ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं जल्दी पूरी हो जाती हैं.
* बेडरूम यानी शयनकक्ष में गलती से भी भगवान गणपति की प्रतिमा स्थापित नहीं करनी चाहिए.
* गणेशजी की प्रतिमा खरीदते वक़्त इस बात का पूरा ध्यान रखें कि उनकी सूंड बाईं ओर मुड़ी होनी चाहिए. दाई ओर की सूंड वाली गणेशजी की प्रतिमा की पूजा के विशेष नियम-विधान हैं, जिसका घर पर निर्वहन करना आसान नहीं है.
* घर पर गणेशजी की प्रतिमा की स्थापना से पूर्व इस बात का ध्यान रखें, कि गणेशजी का मुख घर के मुख्यद्वार की ओर हो. इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है.
* अक्सर लोग सीढ़ियों के निचले हिस्से में मंदिर बनवा लेते हैं, जो वास्तु के दृष्टिकोण से सही नहीं है. विशेषकर गणपति की प्रतिमा को सीढ़ियों के नीचे रखना उनका अपमान होगा. इससे वे रुष्ठ हो सकते हैं.
* गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि किसी भी कीमत पर गणेशजी की पीठ सामने ना पड़े, ऐसी गलती दुष्परिणाम दे सकती है. * हिंदू धर्मानुसार मां लक्ष्मी आदिशक्ति हैं, जो वास्तव में गणेशजी की माँ हैं. इसलिए माँ लक्ष्मी की मूर्ति गणेशजी के दाईं ओर स्थापित करें. तभी शुभ-लाभ का प्रतिफल प्राप्त होता है.