Kartik Purnima 2018: गंगा स्नान और दीपदान का पावन पर्व है कार्तिक पूर्णिमा, जानें इससे जुड़ी पौराणिक मान्यता
कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने के बाद जरूरतमंदों को दान करना चाहिए. इस दिन मौसमी फल, उड़द की काली दाल, चावल आदि का दान और दीपदान करना शुभ माना जाता है.
Kartik Purnima 2018: आज साल के आखिर की सबसे बड़ी पूर्णिमा है जो हिंदू धर्म के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. जी हां, आज देशभर में कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) का पर्व मनाया जा रहा है. वैसे तो कहा जाता है कि कार्तिक महीने में पूजा-पाठ, स्नान, दान, दीपदान इत्यादि धार्मिक कार्यों से बेहद पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष को पड़ने वाली कार्तिक पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. इसे गंगा स्नान, त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन गंगा में स्नान करने पूरे वर्ष भर गंगा स्नान करने के बराबर फल मिलता है.
कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने के बाद जरूरतमंदों को दान करना चाहिए. इस दिन मौसमी फल, उड़द की काली दाल, चावल आदि का दान और दीपदान करना शुभ माना जाता है.
कार्तिक पूर्णिमा से जुड़ी पौराणिक मान्यता-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि पर ही भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था, इसलिए इस तिथि को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन चंद्रोदय के समय भगवान शिव की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं. यह भी पढ़ें: Tulsi Vivah 2018: खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए इस दिन जरूर करें तुलसी विवाह, जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा तिथि- 23 नवंबर 2018, शुक्रवार.
आरंभ- 22 नवंबर (गुरुवार) दोपहर 12 बजकर 55 मिनट से,
समाप्त- 23 नवंबर (शुक्रवार) सुबह 11 बजकर 11 मिनट तक.
स्नान के बाद किया जाता है दीपदान
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, भगवान की पूजा के साथ-साथ दीपदान का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही संध्या के समय में भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था, इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान के बाद दीपदान करने से 10 यज्ञों के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है. यह भी पढ़ें: शादी के शुभ मुहूर्त: नवंबर-दिसंबर 2018 में नहीं होंगे कोई भी मांगलिक कार्य, जनवरी 2019 का करना होगा इंतजार, देखें अगले साल के श्रेष्ठ तिथियों की पूरी लिस्ट
कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये कार्य-
- इस दिन हाथ-पैर धोकर, आचमन करके हाथ में कुशा लेकर स्नान करना चाहिए.
- गृहस्थ लोगों को तिल व आंवले का चूर्ण लगाकर स्नान करना चाहिए, इससे असीम पुण्य प्राप्त होता है.
- विधवा व संन्यासियों को तुलसी के पौधे की जड़ में लगी मिट्टी शरीर पर लगाकर स्नान करना चाहिए.
- इस दिन श्री विष्णुसहस्त्रनाम और श्री रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करना फायदेमंद होता है.
- इस दिन भगवान शिव, विष्णु और लक्ष्मी जी का पूजन करना चाहिए.
- इस दिन घी, अन्न, गो दान और दीपदान करने से व्यक्ति के पापों का क्षय होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है.
कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की भी आराधना करनी चाहिए. इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है. मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन सुबह 5 बजे से 10.30 बजे तक माता लक्ष्मी पीपल के वृक्ष पर निवास करती हैं. ऐसे में इस दिन मीठे जल में दूध मिलाकर पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए.