International Day of Peace 2024: युद्ध नहीं शांति में ही देश का विकास है! जानें अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस का महत्व, इतिहास एवं कुछ रोचक तथ्य!

पिछले लंबे अर्सा से रूस-युक्रेन, इजरायल-हमास के अलावा सीरिया, यमन, इथियोपिया और सोमालिया देशों में गृह युद्ध चल रहा है. आदि देशों के बीच चल रहे युद्ध की ज्वाला अभी थमती नहीं दिख रही है, ऊपर से अमेरिका, चीन और ईरान जैसे कुछ देश इस आग में घी डालने का काम कर रहे हैं.

पिछले लंबे अर्सा से रूस-युक्रेन, इजरायल-हमास के अलावा सीरिया, यमन, इथियोपिया और सोमालिया देशों में गृह युद्ध चल रहा है. आदि देशों के बीच चल रहे युद्ध की ज्वाला अभी थमती नहीं दिख रही है, ऊपर से अमेरिका, चीन और ईरान जैसे कुछ देश इस आग में घी डालने का काम कर रहे हैं. यह तीसरे विश्व युद्ध का संकेत माना जा रहा है. ऐसे में 21 सितंबर को मनाये जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस की महत्ता बढ़ जाती है. अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस एक प्रेरक अनुस्मारक है कि हम एक साथ मिलकर क्या बना सकते हैं. गौरतलब है कि 1981 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसे शांति दिवस के नाम से जाना जाता है. आइये जानते हैं इस महत्वपूर्ण दिवस के महत्व, इतिहास एवं कुछ रोचक प्रसंगों के बारे में...

अंतर्राष्ट्रीय विश्व शांति दिवस का महत्व

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व शांति का अर्थ केवल हिंसा पर नियंत्रण पाना ही नहीं है, बल्कि एक ऐसे अंतर्राष्ट्रीय समाज की स्थापना करना है, जहां सभी को एहसास हो कि, देश के साथ वे भी विकास के मार्ग पर बढ़ रहे हैं, अपने दम पर खड़े हैं या फल-फूल रहे हैं. हमें मिलजुल कर एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना है, जहां जाति, मजहब, और वर्ग आदि की परवाह किए बिना सबसे सर्वमान्य व्यवहार हो. 21 सितंबर 1981 का दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतर्राष्ट्रीय विश्व शांति दिवस एवं, मानवता के लिए ऊपर उठने, शांति के लिए प्रतिबद्ध होने और विश्व शांति की संस्कृति के निर्माण में प्रमुखता के साथ योगदान करने का है. युद्ध नहीं शांति में ही देश-दुनिया का विकास संभव है. यह भी पढ़ें :Jivitputrika Vrat 2024: कब है जिवित्पुत्रिका व्रत एवं पूजा? जानें इसका महत्व, मुहूर्त, मंत्र एवं पूजा विधि के साथ जिवित्पुत्रिका व्रत-कथा!

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस का इतिहास

विश्व के तमाम देशों और वहां की जनता के बीच शांति बनाये रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने साल 1981 में विश्व शांति दिवस मनाने की घोषणा की. 1982 में सितंबर माह के तीसरे मंगलवार को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस मनाया गया. 1982 से 2001 तक यूं ही सितंबर माह के तीसरे मंगलवार को विश्व शांति दिवस मनाया जाता रहा, लेकिन 2002 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा ने इस दिन को सेलिब्रेट करने की तारीख 21 सितंबर कर दिया. इस अवसर पर तरह-तरह के सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. कार्यक्रम की शुरुआत सफेद कबूतरों को उड़ा कर किया जाता था, क्योंकि सफेद रंग और कबूतर दोनों ही शांति के प्रतीक माने जाते हैं.

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के रोचक तथ्य

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस का मुख्य उद्देश्य वैश्विक शांति को बढ़ावा देना है. जानें इस दिवस विशेष के कुछ रोचक पहलू

* प्रत्येक वर्ष इस दिवस की एक विशेष थीम रखी जाती है, जो शांति के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है. गत वर्ष 2023 की थीम थी ‘शांति के लिए शिक्षा’, जबकि इस वर्ष 2024 के लिए ‘शांति की संस्कृति’ का विकास रखा गया है

* इस दिन को मनाने के लिए दुनिया भर में विभिन्न मंचों से सामूहिक गतिविधियां मसलन शांति मार्च, डिबेट्स, सोशल एक्टिविटीज इत्यादि.

* अगर किन्हीं दो देश के बीच में युद्ध चल रहा है तो इस दिवस विशेष पर दोनों पक्षों द्वारा सीजफायर करें, ताकि देश विशेष के लोग लोग शांति अनुभव कर सकें.

* इस अवसर पर यूएन शांति सैनिकों और विभिन्न शांति मिशनों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर शांति बनाये रखने का प्रयास करता है.

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