गाजर आपके किचन की ऐसी पौष्टिक सब्जी है, जिसका इस्तेमाल सब्जी से लेकर, सलाद, सूप, जूस, पराठा, सैंडविच, पुडिंग, मिठाई ही नहीं स्वादिष्ट हलवा तक के लिए किया जाता है. गाजर में फाइबर समेत कैरेटोनॉइड्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर पौष्टिक तत्व निहित होते हैं. ये न केवल इम्युनिटी को बूस्ट करती हैं, बल्कि आपकी आंखों और त्वचा की सेहत के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. गाजर की गुणवत्ता को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से हर वर्ष 4 अप्रैल को इंटरनेशनल गाजर दिवस मनाया जाता है. आइये जानते हैं, अंतरराष्ट्रीय गाजर दिवस के इतिहास से लेकर इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य..
अंतर्राष्ट्रीय गाजर दिवस का इतिहास
प्रत्येक वर्ष 4 अप्रैल का दिन अंतरराष्ट्रीय गाजर दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस की शुरुआत साल 2003 में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को गाजर मैं मौजूद महत्वपूर्ण विटामिन एवं पोषक तत्वों से परिचय कराना है, और इसका सेवन करना है. अंतर्राष्ट्रीय गाजर दिवस यूनाइटेड किंगडम, स्वीडन, रूस, स्वीडन, इटली, जापान, फ्रांस, आस्ट्रेलिया सहित भारत में भी मनाया जाता है. यह भी पढ़ें : Shani Pradosh Vrat 2024: मासिक शिवरात्रि में बन रहा शनि प्रदोष का महासंयोग! जानें इसका महात्म्य, तिथि, मुहूर्त, महत्व एवं पूजा-विधि!
गाजर के महत्वपूर्ण पौष्टिक गुण!
गाजर पोषण संबंधी किसी पावर हाउस से कम नहीं है, जो आंखों की रोशनी से लेकर स्वस्थ ह्रदय, चमकदार त्वचा और मस्तिष्क को तेज बनाता है. अंतर्राष्ट्रीय गाजर दिवस पर आइये जानते हैं गाजर में निहित कुछ महत्वपूर्ण रोचक तथ्य..
* गाजर में युक्त विटामिन सी, के, पोटैशियम और बायोटिन जैसे पोषक तत्वों से व्यक्ति सेहतमंद रहता है.
* गाजर में उपस्थित विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को चमकदार एवं स्निग्ध बनाते हैं.
* गाजर में प्रचुर मात्रा में पोटेशियम होने से इसके सेवन से हृदय रोग का खतरा कम रहता है.
* गाजर में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसकी वजह से ब्लड शुगर का स्तर मेंटेन रहता है.
* गाजर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट से इम्यूनिटी मजबूत होती है, जिससे बीमारी पर नियंत्रण रहता है.
* गाजर में निहित बीटा कैरोटीन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो आंखों की रोशनी के लिए विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है.
किस रंग के गाजर का क्या है महत्व
लाल गाजरः भारत में लाल गाजर बहुतायत उगाए जाते हैं, भारत में अक्टूबर-नवंबर महीने में गाजर की बुआई होती है. शीत ऋतु में सेवन करने वाले लाल गाजर में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, और ह्रदय स्वस्थ रहता है.
बैंगनी गाजरः बैंगनी गाजर इसकी अन्य प्रजातियों से ज्यादा पौष्टिक एवं स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है. बैंगनी गाजर में फाइबर, पोटेशियम, विटामिन सी, मैंगनीज, विटामिन ए और तमाम विटामिन बी की पर्याप्त मात्रा होती है. इसमें भी कैलरी सीमित मात्रा में होती है. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर बैंगनी गाजर कैंसर, ह्रदय-रोग, मानसिक समस्याएं और एजिंग की समस्या में लाभकारी होता है.
पीली गाजरः पीले रंग की गाजर अन्य रंग के गाजर से ज्यादा मीठी होती है. इसके पीला रंग इसमें उपस्थिति ल्युटिन के कारण है, जो आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद बहुत फायदेमंद है. यह बीटा-कैरोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है. बीटा-कैरोटीन के सेवन से आंखों को सूर्य की किरणों से रक्षा करता है. एवं त्वचा को भी चमकदार बनाता है.
डेनवर गाजरः इस गाजर के उत्पादन की शुरुआत 1871 में मैसाचुसेट्स में हुई थी. गहरे नारंगी रंग के ये गाजर छह से आठ इंच लंबे होते हैं. डेनवर गाजर में युक्त एंटीऑक्सीडेंट आपकी आंखों के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसमें मौजूद बीटा कैरोटीन विटामिन ए में बदल देता है, जो शरीर में विटामिन ए की भरपूर मात्रा को मेंटेन रखता है.
सफेद गाजरः सफेद गाजर में कैलोरी की सीमित मात्रा होती है, इसमें एंटी कैंसर प्रॉपर्टी पाई जाती है. इसके सेवन से लंग्स, ब्रेस्ट और कोलन कैंसर के खतरे कम रहते हैं. विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर यह गाजर त्वचा को सूर्य की हानिकारक रोशनी से सुरक्षित रखता है. इसमें निहित फाइबर की प्रचुर मात्रा पाचन क्रिया को सुचारु रखती है.