Indian Army Day 2024: 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है भारतीय सेना दिवस? जानें इसका इतिहास, महत्व एवं भारत की चौथी बड़ी शक्ति बनने की गाथा!

आज भारतीय सेना विश्व में अपनी शक्ति और शौर्य का पताका फहरा रही है. ग्लोबल पॉवर इंडेक्स 2023 के अनुसार वर्तमान में भारतीय सेना दुनिया की चौथी सबसे मजबूत सेना मानी जाती है. इस पॉवर इंडेक्स के अनुसार इस क्रम में भारत से बेहतर सेना फिलहाल केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास है. गौरतलब है कि भारतीय सेना की उत्पत्ति ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं से हुई थी.

Indian Army (Photo Credit : X)

आज भारतीय सेना विश्व में अपनी शक्ति और शौर्य का पताका फहरा रही है. ग्लोबल पॉवर इंडेक्स 2023 के अनुसार वर्तमान में भारतीय सेना दुनिया की चौथी सबसे मजबूत सेना मानी जाती है. इस पॉवर इंडेक्स के अनुसार इस क्रम में भारत से बेहतर सेना फिलहाल केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास है. गौरतलब है कि भारतीय सेना की उत्पत्ति ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं से हुई थी. आगे चलकर ब्रिटिश भारतीय सेना कहलाई और ब्रिटिश हुकूमत से मुक्ति पाने यानी आजाद होने के बाद विशुद्ध भारतीय सेना बन गई. आइये जानें भारतीय सेना दिवस के संदर्भ में कुछ रोचक बातें

भारतीय सेना दिवस का इतिहास

करीब 200 वर्षों तक ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को जब भारत आजाद हुआ तो संपूर्ण देश में अराजकता का माहौल था, हर ओर हिंदू मुस्लिम दंगे-फसादों एवं शरणार्थियों के भारत में पनाह लेने से अशांति का माहौल था. स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए सेना को आगे आना पड़ा, ताकि बंटवारे के दौरान शांति-व्यवस्था सुचारू किया जा सके. भारत को स्वतंत्रता हासिल होने के पश्चात 14 जनवरी 1949 तक भारतीय सेना की कमान ब्रिटिश कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर के हाथों में थी. कहने का आशय यह कि आजादी के बाद भी भारतीय सेना के अध्यक्ष ब्रिटिश मूल के ही होते थे. अंततः 15 जनवरी 1949 को स्वतंत्र भारत का पहला फील्ड मार्शल केएम करियप्पा को बनाया गया. इसलिए भारत सरकार ने इस दिन को ‘भारतीय सेना दिवस’ के नाम से मनाने का निर्णय लिया. यही परंपरा आज भी जारी है यह भी पढ़ें : Tamil Hanuman Jayanti 2024 Sanskrit Wishes: श्री हनुमत् जन्मोत्सवस्य शुभाशयाः! संस्कृत के इन Shlokas, Facebook Messages, WhatsApp Greetings के जरिए दें बधाई

भारतीय सेना दिवस का महत्व

भारतीय सेना दिवस वस्तुतः भारत की असली आजादी के रूप में देखा जाता है, क्योंकि इसी दिन भारतीय सेना की कमान पहली बार भारतीय नागरिक के हाथों में सौंपी गई थी. यह दिवस भारतीय सेना दिवस जनरल केएम करियप्पा के भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर इन चीफ बनने की खुशी में मनाया जाता है. इस अवसर पर भारतीय सेना देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ देश भर में फैले अन्य सेना के मुख्यालयों में सैन्य परेड और प्रदर्शन करती है. मुख्य परेड दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड मैदान में आयोजित होती है. इस दिन वीर सेनानियों को वीरता के पदक भी प्रदान किये जाते हैं.

विश्व की चौथी सबसे बड़ी भारतीय सेना

इस साल भी भारतीय सेना ने दुनिया भर में अपनी सैन्य शक्ति का लोहा मनवाया. ग्लोबल फायर पॉवर की 2023 की रैंकिंग इसकी पुष्टि करती है. रैंकिंग के मुताबिक, भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना है. ग्लोबल फायरपावर वेबसाइट दुनिया के देशों की रक्षा संबंधी जानकारी को ट्रैक करती है. इसने दुनिया के 145 देशों की सेनाओं की क्षमताओं का विश्लेषण कर 2023 की रैंकिंग जारी की थी. इस रैंकिंग में भारत की रैंक यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, पाकिस्तान जैसे देशों से बेहतर रही. साल 2023 में रक्षा मंत्रालय ने एक तरफ जहां सुरक्षा हथियार आयात का एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया, वहीं स्वदेशी निर्माताओं को भारत के इतिहास में सबसे बड़ा ऑर्डर मिला. थल, वायु और नौसेना तीनों भारतीय सशस्त्र सेनाओं में भारत निर्मित हथियारों को शामिल किया गया और आत्मनिर्भर भारत की पहल को बल मिला.

हथियार आयात करने वाला भारत आज हथियार निर्यात कर रहा है

भारत पहले अपनी सुरक्षा के लिए अस्त्र-शस्त्र आयात करने होते थे, लेकिन भारत सरकार की नई नीतियों के तहत आज भारत हथियारों के निर्माता के रूप में निर्यात में नये रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है. साल 2023 में भारतीय हथियारों का निर्यात रिकॉर्ड 16 हजार करोड़ रुपए के करीब पहुंच गया है. यह पिछले वित्तीय वर्ष से लगभग 3,000 करोड़ ज्यादा है.

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