Tamil Hanuman Jayanti 2024 Wishes in Sanskrit: भगवान श्रीराम (Bhagwan Shri Ram) के परमभक्त हनुमान जी (Hanuman Ji) को आंजनेय, केसरीनंदन और बजरंगबली जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. उन्हें बल, बुद्धि और विद्या का देवता माना जाता है. भगवान हनुमान (Lord Hanuman) कलियुग के एकमात्र ऐसे देवता हैं जो भक्तों की थोड़ी सी भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें मनचाहा वरदान देते हैं. अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता हनुमान जी अपने भक्तों के जीवन से सभी संकटों को दूर करते हैं, इसलिए उन्हें संकटमोचन भी कहा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को देशभर में हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) मनाई जाती है, जबकि दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में मार्गाजी महीने में हनुमान जयंती का त्योहार मनाया जाता है, जिसे तमिल हनुमान जयंती (Tamil Hanuman Jayanti) कहा जाता है. इस साल 11 जनवरी 2024 को तमिल हनुमान जयंती मनाई जा रही है.
तमिलनाडु में हनुमान जयंती पर हनुमान जी के साथ-साथ भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस दिन लोग शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान करते हैं. ऐसे में आप इस खास अवसर पर बधाई दें सकें, इसलिए हम लेकर आए हैं ये विशेज, श्लोक, फेसबुक मैसेजेस, वॉट्सऐप ग्रीटिंग्स, जिन्हें शेयर कर आप संस्कृत में 'श्री हनुमत् जन्मोत्सवस्य शुभाशयाः' कह सकते हैं.
1- अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
भावार्थ: अतुलनीय बल के धाम, सोने के पर्वत के समान कांतियुक्त शरीर वाले, दैत्यरूपी वन के लिए अग्नि रूप, ज्ञानियों में अग्रणी, संपूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी, श्री रघुनाथ जी के प्रिय भक्त पवनपुत्र श्री हनुमान जी को मैं प्रणाम करता हूं.
2- मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
भावार्थ: जिनकी मन के समान गति और वायु के समान वेग है, जो परम जितेन्दिय और बुद्धिमानों में श्रेष्ठ हैं, उन पवनपुत्र वानरों में प्रमुख श्रीरामदूत की मैं शरण लेता हूं.
3- ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्।
भावार्थ: अंजना और वायु देव के पुत्र, भगवान हनुमान से हमारी प्रार्थना है कि हनुमान हमारी बुद्धि को सही दिशा प्रदान करें.
4- बुद्धिर्बलं यशो धैर्यं निर्भयत्वमरोगता।
अजाड्यं वाक्पटुत्वं च हनुमत्स्मरणाद्भवेत्॥
भावार्थ: हनुमान जी का स्मरण करने से हमें बुद्धि, बल, धैर्य, निर्भयता, आरोग्य, विवेक एवं वाकपटुता की प्राप्ति होती है.
5- पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥
भावार्थ- संकट को हरने वाले पवन पुत्र हनुमान, आप श्री राम, माता सीता और श्री लक्ष्मण सहित में हृदय में बस जाएं.
वैसे तो देश के विभिन्न क्षेत्रों में हनुमान जयंती का पर्व बहुत भक्तिभाव से मनाया जाता है, लेकिन तमिल हनुमान जयंती की दक्षिण भारत में अनोखी छटा देखने को मिलती है. तमिल हनुमान जयंती को कन्याकुमारी के पास स्थित सुचिंद्रम अंजनेयार कोविल, चेन्नई के मायलापुर में तीन प्रसिद्ध अंजनेयार मंदिरों और चेन्नई के क्रोमपेट में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के पास स्थित प्रसन्ना योग अंजनेयार मंदिर में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.