World Kidney Day 2019: देश में हर साल 2 लाख लोगों को होती है किडनी बीमारी, जानिए क्या है इसके शुरूआती लक्षण
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit- Pixabay)

नई दिल्ली:  देश में औसतन 14 प्रतिशत महिलाएं एंव 12 प्रतिशत पुरुष किडनी की समस्या से पीड़ित हैं. भारत में हर साल दो लाख लोगों को किडनी रोग हो जाता है. शुरुआती स्टेज में इस बीमारी को पकड़ पाना मुश्किल है, क्योंकि दोनों किडनी 60 प्रतिशत खराब होने के बाद ही मरीज को इसका पता चल पाता है. दुनियाभर में किडनी की बीमारी से प्रभावित लोगों की संख्या लगातार बढ़ने से इस बीमारी से निवारण और लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मार्च के दूसरे गुरुवार को 'वल्र्ड किडनी डे' मनाया जाता है. साल 2019 की थीम 'किडनी हेल्थ फॉर एवरीवन एवरीवेयर' (Kidney Health for Everyone Everywhere) रखी गई है.

बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के सीनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. राजेश अग्रवाल ने इस मौके पर बताया, "वल्र्ड किडनी डे' की शुरुआत साल 2006 में हुई थी, जिसका उद्देश्य आमजन को किडनी से जुड़ी समस्याओं और उपचार के विषय में जागरूक करना है. आमतौर पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं में किडनी की बीमारी का खतरा ज्यादा होता है."

उन्होंने कहा, "देश में औसतन 14 प्रतिशत महिलाएं एंव 12 प्रतिशत पुरुष किडनी की समस्या से पीड़ित हैं. विश्व में 19.5 करोड़ महिलाएं किडनी की समस्या से पीड़ित है. भारत में भी यह संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है, यहां हर साल दो लाख लोगों को किडनी रोग हो जाता है. शुरुआती स्टेज में इस बीमारी को पकड़ पाना मुश्किल है, क्योंकि दोनों किडनी 60 प्रतिशत खराब होने के बाद ही मरीज को इसका पता चल पाता है. किडनी के खराब होने के कारण ही शरीर में खून का क्रिएटनिन बढ़ना शुरू होता है, खून में पाए जाने वाले खराब तत्व कोक्रिएटनिन कहते है."

किडनी के खराब होने के कारणों के बारे में बताते हुए डॉ. राजेश ने कहा कि आमतौर पर मूत्र मार्ग में संक्रमण और प्रतिकूल गर्भावस्था परिणाम के कारण महिलाओं को गंभीर किडनी रोग हो जाता है. किडनी के खराब होने के निम्न कारण हैं, जैसे कम मात्रा में पानी पीना, अधिक मात्रा में नमक खाना, दर्दनाशक दवाओं का अधिक सेवन करना, अधिक शराब पीना, मांस का अधिक सेवन करना, धूम्रपान करना और अधिक सॉफ्ट-ड्रिक्स पीना.

वहीं किडनी खराब होने के लक्षणों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "लगातार उल्टी आना, भूख ना लगना, थकान और कमजोरी महसूस होना, पेशाब की मात्रा कम होना, खुजली की समस्या होना, नींद ना आना और मांसपेशियों में खिंचाव होना किडनी खराब होने का कारण है."

उपचार के बारे में बताते हुए डॉ. राजेश अग्रवाल ने कहा कि जब किडनी ज्यादा खराब ना हुई हो, उस स्थिति में प्राथमिक उपचार के बाद दवा और भोजन में परहेज द्वारा इलाज किया जाता है. यह उपचार किडनी को ठीक करने में काफी मददगार होता है, इसमें ज्यादा खर्च की जरूरत नहीं पड़ती है. दोनों किडनी के खराब होने की वजह से जब किडनी के कार्य करने की क्षमता में कमी आ जाती है, तब डायालिसिस द्वारा इलाज की जरूरत होती है. इसके अलावा कई मरीज किडनी ट्रांसप्लांट कराकर भी अपना उपचार करा सकते है.

गुरुग्राम स्थित नारायणा सुपर स्पेशेलिटी हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजी एंड रीनल ट्रांसप्लांट के कंसल्टेंट डॉ. सुदीप सिंह सचदेव ने किडनी खराब होने से बचाव के उपायों के बारे में बताते हुए कहा, "किडनी हमारे शरीर में खून को साफ कर ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है. किडनी रोग से पीड़ित व्यक्ति को परेशानी महसूस होने पर तुरन्त उपचार कराना चाहिए, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करनी चाहिए. समय-समय पर ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच करानी चाहिए. ब्लड प्रेशर या डायबीटीज के लक्षण मिलने पर हर छह महीने में पेशाब और खून की जांच कराना चाहिए."

उन्होंने कहा, "न्यूट्रिशन से भरपूर भोजन, नियमित एक्सरसाइज और वजन पर कंट्रोल रखने से भी किडनी को खराब होने से बचाया जा सकता है. पेनकिलर दवाओं का कम मात्रा में इस्तेमाल, अधिक मात्रा में तरल पदार्थो का सेवन करना, नमक का इस्तेमाल कम करना और धूम्रपान न करना से किडनी को खराब होने से बचाया जा सकता है. इसके साथ ही हाई रिस्क वाले लोगों को किडनी फंक्शन की जांच नियमित रूप से कराते रहना चाहिए."

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धर्मशिला नारायाणा सुपर स्पेशेलिटी हॉस्पिटल की डारेक्टर एंड सिनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजी डॉक्टर सुमन लता ने कहा, "यह समय हमें अपने स्वास्थ पर कंट्रोल करने का है. हमें अपनी बुरी आदतों को छोड़कर हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहिए. अधिक मात्रा में दर्द निवारक और काउंटर दवाओं के सेवन से बचना चाहिए. हम इस बात में विश्वास करते हैं कि निवारण, इलाज से बेहतर है."

उन्होंने कहा कि 'इस वल्र्ड किडनी डे' हम डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या लम्बे समय से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों से अपनी किडनी को स्वस्थ रखने की अपील करते हैं. युरिन टेस्ट के साथ केएफटी जैसे सरल परीक्षण किडनी की जांच करने का सस्ता और सुविधाजनक तरीका है. इस तरह के सरल उपाय की मदद से हम स्वस्थ जीवन जी सकते हैं.