World Diabetes Day 2019: टाइप-2 डायबिटीज से इस रोग का भी बढ़ जाता है खतरा
मधुमेह यानी डायबिटीज से पीड़ित लोगों को दिल की बीमारियों से मौत का खतरा बढ़ जाता है. टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों में लगभग 58 प्रतिशत मौतें हृदय संबंधी परेशानियों के कारण होती हैं. मधुमेह के साथ जुड़े ग्लूकोज के उच्च स्तर से रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिससे रक्तचाप और नजर, जोड़ों में दर्द तथा अन्य परेशानियां हो जाती हैं.
World Diabetes Day 2019: आज के इस भागदौड़ भरे जीवन में डायबिटीज काफी आम बीमारी हो गयी है. पहले कहा जाता था कि ये बीमारी अनुवांशिक होती है मगर आज हमारे लाइफस्टाइल के चलते आसानी से ये बीमारी हो रही है. डायबिटीज कई और बिमारियों को भी दावत देती है. डायबिटीज (Diabetes) से पीड़ित लोगों को दिल की बीमारियों से मौत का खतरा बढ़ जाता है. टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों में लगभग 58 प्रतिशत मौतें हृदय संबंधी परेशानियों के कारण होती हैं. मधुमेह के साथ जुड़े ग्लूकोज (Glucose) के उच्च स्तर से रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिससे रक्तचाप और नजर, जोड़ों में दर्द तथा अन्य परेशानियां हो जाती हैं. चिकित्सक के अनुसार, टाइप-2 मधुमेह (Type 2 Diabetes) सामान्य रूप से वयस्कों को प्रभावित करता है, लेकिन युवा भारतीयों में भी यह अब तेजी से देखा जा रहा है. वे गुर्दे की क्षति और हृदय रोग के साथ-साथ जीवन को संकट में डालने वाली जटिलताओं के जोखिम को झेल रहे हैं.
पद्मश्री से सम्मानित डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "देश में युवाओं के मधुमेह से ग्रस्त होने के पीछे जो कारक जिम्मेदार हैं, उनमें प्रमुख है प्रोसेस्ड और जंक फूड (Junk Food) से भरपूर अधिक कैलारी वाला भोजन, मोटापा तथा निष्क्रियता. समय पर ढंग से जांच न कर पाना और डॉक्टर की सलाह का पालन न करना उनके लिए और भी जोखिम भरा हो जाता है, जिससे उन्हें अपेक्षाकृत कम उम्र में ही जानलेवा स्थितियों से गुजरना पड़ जाता है."
उन्होंने कहा कि लोगों में एक आम धारणा है कि टाइप-2 मधुमेह वाले युवाओं को इंसुलिन की जरूरत नहीं होती है, इसलिए ऐसा लगता है कि यह भयावह स्थिति नहीं है. हालांकि, ऐसा सोचना गलत है. इस स्थिति में तत्काल उपचार और प्रबंधन की जरूरत होती है. ध्यान देने वाली बात यह है कि टाइप-2 डायबिटीज वाले युवाओं में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. यदि कुछ दिखते भी हैं, तो वे आमतौर पर हल्के हो सकते हैं, और ज्यादातर मामलों में धीरे-धीरे विकसित होते हैं, जिनमें अधिक प्यास और बार-बार मूत्र त्याग करना शामिल है.
डॉ. अग्रवाल ने कहा, "यदि घर के बड़े लोग अच्छी जीवनशैली का उदाहरण पेश करते हैं तो यह युवाओं के लिए भी प्रेरणादायी होगा. इस तरह के बदलाव एक युवा को अपना वजन कम करने में मदद कर सकते हैं (अगर ऐसी समस्या है तो) या उन्हें खाने-पीने के बेहतर विकल्प खोजने में मदद कर सकते हैं, जिससे टाइप-2 मधुमेह विकसित होने की संभावना कम हो जाती है. जिनके परिवार में पहले से ही डायबिटीज की समस्या रही है, उनके लिए तो यह और भी सच है.
उन्होंने कुछ सुझाव दिए :
-खाने में स्वस्थ खाद्य पदार्थ ही चुनें.
-प्रतिदिन तेज रफ्तार में टहलें.
-अपने परिवार के साथ अपने स्वास्थ्य और मधुमेह व हृदय रोग के जोखिम के बारे में बात करें.
-यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ने की पहल करें.
-अपने लिए, अपने परिवार के लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए मधुमेह और इसकी जटिलताओं संबंधी जोखिम को कम करने खातिर जीवनशैली में बदलाव करें.