Viral Infection: H3N2 के साथ फिर रफ्तार पकड़ रहा है कोरोना, लक्षण भी हैं एक जैसे, जानें किसे है अधिक खतरा और कैसे करें बचाव
देश में कोरोना (Coronavirus) फिर रफ्तार पकड़ने लगा है. दिल्ली से लेकर मुंबई तक कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. देशभर के अस्पतालों में सर्दी, खांसी और जुकाम के मरीज पहुंच रहे हैं. देश में H3N2 इन्फ्लुएंजा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.
नई दिल्ली: देश में कोरोना (Coronavirus) फिर रफ्तार पकड़ने लगा है. दिल्ली से लेकर मुंबई तक कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. देशभर के अस्पतालों में सर्दी, खांसी और जुकाम के मरीज पहुंच रहे हैं. देश में H3N2 इन्फ्लुएंजा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कोविड के मामलों में भी उछाल आया है. देश में वर्तमान में H3N2, कोविड-19 और स्वाइन फ्लू के कारण होने वाले वायरल संक्रमणों में वृद्धि दिख रही है. How Deadly Is H3N2: क्या कोरोना की तरह ही जानलेवा है एच3एन2 इन्फ्लूएंजा? जानें क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट.
एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) द्वारा रीयल-टाइम निगरानी से पता चलता है कि 28 फरवरी तक राज्यों द्वारा H1N1 के 955 मामले, जिन्हें स्वाइन फ्लू भी कहा जाता है, रिपोर्ट किए गए हैं. एच1एन1 के अधिकांश मामले तमिलनाडु (545) से रिपोर्ट किए गए हैं. इसके बाद महाराष्ट्र (170), गुजरात (170), केरल (42) और पंजाब से 28 केस दर्ज किए गए.
डेटा के अनुसार जनवरी के महीने के दौरान, देश से तीव्र श्वसन बीमारी / इन्फ्लुएंजा (ARI/ILI) जैसी बीमारी के 3.97 लाख मामले सामने आए थे जो बढ़कर फरवरी के दौरान 4.36 लाख हो गए. एक अधिकारी ने कहा, "मार्च के पहले नौ दिनों में 1.33 लाख ARI/ILI मामले सामने आए."
H3N2 के लक्षण
पिछले कुछ दिनों में देश में देशभर में H3N2 वायरल के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके लक्षण भी कोविड जैसे ही हैं. इसमें मरीजों को तेज बुखार, लगातार खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पाई जा रही है. H3N2 इन्फ्लुएंजा की चपेट में आने के बाद लोगों को कमजोरी और थकान से उबरने में 2 सप्ताह से अधिक समय लग रहा है. दिल्ली-NCR सहित उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में बड़ी संख्या में भी बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं. हालांकि H3N2 अभी तक टेस्टिंग में नहीं आया है, लेकिन लोगों में जो लक्षण दिख रहे हैं वो इस वायरस के ही मिल रहे हैं.
H3N2 से किसे अधिक खतरा
राष्ट्रीय कोविड टास्क फोर्स का नेतृत्व करने वाले रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एच3एन2 वायरस बुजुर्गो, छोटे बच्चों और कॉमरेडिटी वाले लोगों में गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है. उन्होंने बताया कि एच3एन2 कुल मिलाकर हल्के फ्लू जैसी स्थिति का कारण बनता है. लेकिन उम्र के चरम पर - बच्चे और बुजुर्ग और सह-रुग्णता वाले लोग - यह गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है.
कितना खतरनाक है H3N2?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक H3N2 एंटीजेनिक ड्रिफ्ट और हल्का म्यूटेशन है लेकिन इससे लाइफ को खतरा नहीं है लेकिन अगर किसी रोगी को दो या उससे अधिक बीमारियां हैं तो मृत्यु की संभावना अधिक है. गंभीर बीमारी वाले मरीजों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है. जिन लोगों को अस्थमा, हृदय रोग, डायबिटीज, मोटापा है और जिनकी कमजोर इम्यूनिटी की शिकायत है उन्हें खतरा अधिक है. गर्भवती महिलाओं को भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है.