शुगरी ड्रिंक्स से बढ़ता है डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा, हर साल 30 लाख से अधिक मामले

आज कल शुगरयुक्त पेय (शुगरी ड्रिंक्स) के बढ़ते सेवन ने दुनियाभर में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दिया है. हाल ही में पब्लिश एक रिसर्च ने खुलासा किया है कि हर साल इन ड्रिंक्स की वजह से 2.2 मिलियन नए टाइप 2 डायबिटीज और 1.2 मिलियन हृदय रोग के मामले सामने आते हैं.

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आज कल शुगरयुक्त पेय (शुगरी ड्रिंक्स) के बढ़ते सेवन ने दुनियाभर में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दिया है. हाल ही में पब्लिश एक रिसर्च ने खुलासा किया है कि हर साल इन ड्रिंक्स की वजह से 2.2 मिलियन नए टाइप 2 डायबिटीज और 1.2 मिलियन हृदय रोग के मामले सामने आते हैं. यह अध्ययन नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित हुआ, जिसे अमेरिका की टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के फ्राइडमैन स्कूल ऑफ न्यूट्रिशन साइंस एंड पॉलिसी के शोधकर्ताओं ने किया. 184 देशों से जुटाए गए आंकड़ों से यह पता चला कि विकासशील देशों में इस समस्या का प्रभाव अधिक गंभीर है.

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सब-सहारा अफ्रीका में 21% नए डायबिटीज के मामले शुगरयुक्त पेयों से जुड़े. लैटिन अमेरिका और कैरेबियन में 24% डायबिटीज और 11% हृदय रोग के मामले इन पेयों की वजह से. कोलंबिया में 48% डायबिटीज के नए मामलों की मुख्य वजह शुगरयुक्त पेय हैं.

दक्षिण अफ्रीका में 27.6% डायबिटीज और 14.6% हृदय रोग के मामलों का कारण ये शुगरयुक्त पेय हैं. मेक्सिको में लगभग लगभग एक-तिहाई डायबिटीज के मामलों में इन पेयों की प्रमुख भूमिका है.

कैसे नुकसान करते हैं ये मीठे ड्रिंक्स

शुगरयुक्त पेय सीधे रक्त में अब्जॉर्ब होते हैं, जिससे ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है. इनमें पोषक तत्व नहीं होते और इनका लंबे समय तक सेवन मोटापा, इंसुलिन प्रतिरोध (इंसुलिन रेजिस्टेंस), और मेटाबोलिक विकारों को बढ़ावा देता है. इन स्थितियों से मधुमेह और हृदय रोग का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

कौन हैं सबसे ज्यादा प्रभावित?

शोध के अनुसार, पुरुष और युवा वयस्क महिलाओं और बुजुर्गों की तुलना में इन पेयों से ज्यादा प्रभावित होते हैं. खासकर निम्न और मध्यम-आय वाले देशों में समस्या अधिक गंभीर है, क्योंकि इन क्षेत्रों में इन पेयों का बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया जाता है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह समस्या केवल किसी एक देश या क्षेत्र की नहीं है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर हल करने की आवश्यकता है. अंतरराष्ट्रीय सहयोग और ठोस नीतियां ही इस समस्या को जड़ से खत्म कर सकती हैं.

शुगरी ड्रिंक्स के आकर्षण से दूर रहना और स्वस्थ विकल्पों को अपनाना आज के समय की जरूरत है. इसके बिना, दुनिया को मधुमेह और हृदय रोग जैसी घातक बीमारियों की चुनौती से निपटना और कठिन हो जाएगा.

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