COVID-19 Vaccine: वैज्ञानिकों ने विकसित की वैक्सीन, 10 गुना अधिक मजबूत एंटीबॉडी का उत्पादन करने में सक्षम

वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने एक प्रायोगिक कोरोना वायरस वैक्सीन उम्मीदवार विकसित किया है, जो अन्य वैक्सीन की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली है. वॉशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसिन यूनिवर्सिटी की टीम का कहना है कि चूहों में किए गए परीक्षण में यह नैनोपार्टिकल वैक्सीन कोविड-19 सर्ववाइवर्स में देखी गई प्रतिक्रिया की तुलना में 10 गुना अधिक मजबूत एंटीबॉडी उत्पन्न करने में सक्षम रहा.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

COVID-19 Vaccine: कोरोना वायरस (Coronavirus) का तोड़ निकलने के लिए कई वैक्सीन (Vaccine) पर लगातार काम किया जा रहा है. इस बीच वैज्ञानिकों (Scientists) का कहना है कि उन्होंने एक प्रायोगिक कोरोना वायरस वैक्सीन उम्मीदवार (Experimental Coronavirus Vaccine Candidate) विकसित किया है, जो अन्य वैक्सीन की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली है. यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसिन (University of Washington School of Medicine) की टीम का कहना है कि चूहों में किए गए परीक्षण में यह नैनोपार्टिकल वैक्सीन कोविड-19 सर्ववाइवर्स (COVID-19 Survivors) में देखी गई प्रतिक्रिया की तुलना में 10 गुना अधिक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (Stronger Immune Response) उत्पन्न करने में सक्षम रहा.

दरअसल, वैक्सीन ने एक मजबूत मेमोरी सेल प्रतिक्रिया को भी उकसाया, जिसमें शरीर संक्रमित होने पर एंटीबॉडी का उत्पादन करने के लिए हमलावर वायरस को याद करता है. टीम का कहना है कि इस टीके को अन्य कंपनियों द्वारा बनाए जा रहे वैक्सीन की तरह फ्रीजर में स्टोरेज की आवश्यकता नहीं है, जिसके चलते इस वैक्सीन को विकसित करना और दुनिया भर में सप्लाई करना आसान है. यह भी पढ़ें: Covid-19 Vaccine Update: सबसे पहले स्वास्थ्य सेवाकर्मियों को लगेगा कोविड वैक्सीन, वितरण में लगेगा एक साल

UW स्कूल ऑफ मेडिसिन (UW School of Medicine) में बायोकेमिस्ट्री के सहायक प्रोफेसर डॉ. नील किंग (Dr. Neil King) ने कहा- हमें उम्मीद है कि हमारा नैनोपार्टिकल प्लेटफॉर्म इस महामारी से लड़ने में मदद कर सकता है, जिससे पूरी दुनिया जूझ रही है. नैनोपार्टिकल्स (Nanoparticles), चाहे वे प्राकृतिक हों या सिंथेटिक, वायरस की संचरचनात्मक विशेषताओं की नकल करते हैं जो अक्सर नैनो आकार के होते हैं. इससे नैनोकणों को वायरस रिसेप्टर्स के साइज और शेप में ढालना आसान हो जाता है.

UW मेडिसिन का वैक्सीन कैंडिडेट कोरोना वायरस के रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन की 60 प्रतियां प्रदर्शित करता है, जो कोशिकाओं में प्रवेश पाने के लिए वायरस को शरीर के रिसेप्टर्स में अनुमति देता है. इसके बाद शरीर को इन रिसेप्टर्स को पहचानने और भविष्य में संक्रमण को रोकने के लिए उनके खिलाफ एंटीबॉडी का निर्माण करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. यह भी पढ़ें: COVID19 Vaccine Update: 14 नवंबर से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में होगा कोरोना वैक्सीन का ट्रायल, जनवरी के अंत तक रहेंगे जारी

गौरतलब है कि जर्नल सेल में प्रकाशित अध्ययन के लिए टीम ने चूहों में अपने नए नैनोपार्टिकल वैक्सीन का परीक्षण किया. परिणामों से पता चला है कि वैक्सीन ने स्वाभिक रूप से विकसित होने वाली प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की तुलना में 10 गुना अधिक तटस्थ एंटीबॉडी का उत्पादन किया.

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