
कोरोनावायरस (Coronavirus) की घातकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, अब तक 800 से ज्यादा लोग इस बीमारी के शिकार बनकर मृत्यु का शिकार हो चुके हैं. गौरतलब है कि साल 2003 में वैश्विक SARS (Severe acute respiratory syndrome) के प्रकोप की तुलना में 747 से अधिक लोग मृत्यु के शिकार हो चुके हैं. हालांकि आज सारी दुनिया चीन से उपजे इस खतरनाक कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए संघर्ष कर रही है, लेकिन प्रश्न यह उठता है कि क्या महज मास्क पहनने से इतनी घातक बीमारी से बचा जा सकता है? वह मास्क जो पतले कागज की लुगदियों से बना होता है, जिसे नाक तथा मुंह की सुरक्षा स्वरूप सर्जिकल थियेटर में इस्तेमाल किया जाता है. यह मास्क किसी के छींकने या खांसने से मुंह से निकलने वाली बूंदों से रक्षा करता है, लेकिन क्या इस मास्क से कोरोनावायरस जैसी घातक बीमारी से सुरक्षा हो सकती है? इससे जुड़े कई सवालों के जवाब यहां मिलेंगे. यह भी पढ़ें: चीन में कोरोनावायरस से मौत का आंकड़ा 1000 पार
सर्जिकल मास्क को इतनी प्रमुखता से क्यों इस्तेमाल किया जाता है?
चिकित्सक एवं उनके सहायक जब ऑपरेशन टेबल पर पर मरीजों का ऑपरेशन करते हैं तो रोगाणुओं एवं कीटाणुओं से उसकी रक्षा स्वरूप सर्जिकल मास्क का इस्तेमाल किया जाता है. यह मास्क तभी तक सफल होता है जब इसे नियमित रूप से बदला जाता है, और यह साफ-सुथरा रहता है. यदि इसे बार-बार इस्तेमाल में लाया जाता है तो इसका असर खत्म हो जाता है, इसीलिए चिकित्सक इसे हर दो घंटे में बदलते रहते हैं.
कोरोनावायरस को रोकने में सर्जिकल मास्क कितना प्रभावशाली है?
यह मास्क छींक अथवा खांसी की बूंदों और धब्बों के संक्रमण से रक्षा करता है. लेकिन यह केवल एक न्यूनतम सीमा तक ही सुरक्षा दे सकता है और जब वायरस के मुंह और नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है. त्वचा का कोई भी खुला घाव वायरस को संक्रमित कर सकता है. लेकिन अगर आप मास्क पहनने का फैसला करते हैं तो आपको सुरक्षित रखनेवाले चश्मे भी पहनने चाहिए और आप इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि खुजली होने पर अपनी नाक को न छुएं और ना ही आंखों को रगड़ें.
क्या कोई अन्य ऐसा मास्क है जो बेहतर सुरक्षा प्रदान करें?
सच कहें तो अधिकांश सर्जिकल मास्क कई परतों वाले रसोईघर घर के तौलिए की तरह होते हैं, जो वास्तविक फिल्टर की तरह असरकारक होते हैं. लेकिन आधे ऐसे मास्क हैं जो वास्तव में फिल्टर का असर दिखाते हैं. अलबत्ता सेलुलोज निर्मित एक डिस्पोजल मास्क उपलब्ध है, जो टिकाऊ और सेलुलोज से बना होता है. इसके अलावा, FFP1 संरक्षण मास्क भी है.
हां एक बेहतर विकल्प FFP 3 क्लास का मास्क है, जो बहुत छोटी-छोटी बूंदों जिसमें कवक, बैक्टीरिया, वायरस और बीजाणुओं से रक्षा करता है, लेकिन ये मास्क तभी तक काम करते हैं, जब एक ही समय में अन्य सुरक्षात्मक उपाय भी किए जाते हों. हां मास्क पहनते समय भी आपको स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना होगा. साथ ही आप काले चश्में पहनें और अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं.