Recovery Rate: जानें रिकवरी रेट बढ़ने में क्या है दवाई और इम्यूनिटी की भूमिका?

सरकार की ओर से कुछ दवाइयों के प्रयोग करने की अनुमति दी गई है. ऐसे में रिकवरी रेट बढ़ रहा है, लेकिन संक्रमित मरीज दवाइयों से ठीक हो रहे हैं या इम्यूनटी से इस पर डॉ. शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण होने पर सबसे जरूरी है तनाव न लें और सकारात्मक रहें.

कोरोना वायरस I प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: AFP)

कोरोना वायरस की वैक्सीन या दवा के लिए सभी देश शोध कर रहे हैं. वहीं भारत में दवा के साथ आयुर्वेद की कुछ औषधियों पर प्रयोग चल रहा है जो कि लोगों में इम्यून पावर बढ़ाती है और वायरस के संक्रमण होने उससे लड़ती है और मरीज को ठीक होने में मदद करती है. इस बीच कई दावइयों को लेकर बाजार में चर्चा शुरू हो गई है. ऐसे में य जानना भी जरूरी है कि देश के बढ़ते रिकवरी रेट में दवा और इम्‍युनिटी की भूमिका कितनी है.

प्रसार भारती से बातचीत में माइंड स्पेशियलिस्ट्स के निदेशक डॉ. अवधेश शर्मा ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने अपनी तरफ से खाने-पीने की कई चीजों के बारे में बताया है, उसे ही अपनाएं. इन बातों पर कोविड के बाद अमल करते रहेंगे तो इम्यूनिटी बढ़ती रहेगी. रही बात दवा की तो किसी भी अंग्रेजी या आयुर्वेदिक दवा के बारे में भारत सरकार या आयुष मंत्रालय जब तक कुछ आधिकारिक रूप से नहीं बताता, तब तक उस पर विश्वास नहीं करें. अगर कोरोना की दवाई आएगी तो सरकार उसके बारे में सबको बताएगी.
सरकार की ओर से कुछ दवाइयों के प्रयोग करने की अनुमति दी गई है. ऐसे में रिकवरी रेट बढ़ रहा है, लेकिन संक्रमित मरीज दवाइयों से ठीक हो रहे हैं या इम्यूनटी से इस पर डॉ. शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण होने पर सबसे जरूरी है तनाव न लें और सकारात्मक रहें. उन्होंने कहा कि पर्सनल इम्‍युनिटी को बढ़ाने के लिए तनाव मुक्‍त रहते हुए खाने-पीने पर ध्‍यान दें. आयुष मंत्रालय ने जिन चीजों का सेवन करने को कहा है, उसे लें. नींद पूरी लें और व्यायाम करें. ध्‍यान रहे, शरीर में वायरस के प्रवेश करने के बाद हर लेवल पर वायरस की पावर कम होती जाती है और मरीज की इम्यूनिटी बढ़ती जाती है, तभी सुधार जल्दी होता है. इस बीच कई लोगों को दवाइयां देनी पड़ती हैं, जिससे उन्‍हें रिकवर होने में आसानी होती है. जिनकी इम्यूनिटी अच्छी नहीं है या जिन्हें पहले से बीमारी है, उन्हें रिकवर होने में समय लग रहा है.

मास्क लगाने में न हिचकिचाएं
कई लोग बाहर मास्‍क नहीं लगाते या मास्क लगाने में कतराते हैं ऐसे लोगों को डॉ शर्मा ने कहा कि बाहर जाते वक्त कई लोग मास्क लगाने में हिचकते हैं. दूसरे नहीं लगा रहे हैं या सांस लेने में परेशानी होगी यह सोच कर मास्‍क नहीं लगाते. कई लोग दूसरे को देख कर भी नहीं लगाते. इस बात को ध्यान में रख कर बाहर जाना है कि अनलॉक केवल ऑफिस और काम के लिए किया गया है. वायरस अभी भी मौजूद है. इसलिए अगर बाहर जा रहे हैं और रिक्शे, ऑटो, बस में बैठना है तो मास्क जरूरी है. हां अगर सोशल डिस्टेंसिंगनहीं हो पा रही है और हाथ या कुछ भी किसी के संपर्क में आता है तो तब तक हाथ मुंह, नाक के पास न ले जाएं. इतना करके आप खुद को वायरस से बचा सकते हैं.

समाज में रहने के लिए नियमों का पालन जरूरी
वहीं कोरोना वायरस से बचने के लिए बनाए गए नियम नहीं मानने वालों पर उन्होंने कहा कि समाज में हर चीज का एक नियम होता है. शादी हो, या कोई कार्यक्रम हो, लोगों से बात करने के लिए नियम बनाए गए हैं. जो नियम का पालन नहीं करता उसे सिखाया जाता है. इसलिए प्रधान, शिक्षक या पुलिस या सभी नागरिकों की यह ज़िम्मेदारी है कि उन्हें लोगों को यह बताना होगा कि वे किस तरह खुद के साथ ही दूसरों को भी खतरे में डाल रहे हैं. इसलिए कोरोना से बचने के लिए जो भी नियम हैं, उनका पालन करते रहिए.

बच्चे अभी भी रहें सावधान
अनलॉक हो चुका है लेकिन बच्चे घर में ही हैं, लेकिन अगर वो बाहर जा रहे हैं तो सावधानी बताते हुए कहा कि स्कूल अभी बंद हैं इसलिए वहां जाना नहीं है. इसके अलावा पार्क आदि में मास्क लगा कर जा सकते हैं. लेकिन अगर वहां कोई आता है, जो संक्रमित है, लेकिन बच्‍चों को नहीं पता है, तो बच्‍चों को खुद सावधानी बरतनी होगी। जहां भी जाएं वहां इस बात का ध्यान रखना है कि वहां कोई हैंडिल, झूले आदि तो न छूएं क्योंकि वहां वायरस हो सकता है और बच्चे अनजाने में मुंह, नाक टच कर सकते हैं तो संक्रमण का खतरा बना रह सकता है. इसके अलावा कोई दोस्त आदि मिल गया और वो संक्रमित हुआ तो परेशानी हो सकती है. इसलिए बहुत सावधान रहना है बाहर जाने में.

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